KNEWS DESK – बालाजी मोशन पिक्चर्स और विकिर फिल्म्स प्रोडक्शन की नवीनतम फिल्म द साबरमती रिपोर्ट का ट्रेलर हाल ही में लॉन्च हुआ है। यह फिल्म विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों की मुख्य भूमिकाओं में है, और इसकी कहानी 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में घटित घटनाओं पर आधारित है। इस फिल्म का उद्देश्य उस दिन की सच्चाई को उजागर करना है और फिल्म में किसी विशेष समुदाय या व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया गया है। यह फिल्म 15 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।
ट्रेलर में क्या खास?
फिल्म के ट्रेलर में दर्शकों को साबरमती एक्सप्रेस से जुड़ी त्रासदी की झलक देखने को मिलती है। इसमें थ्रिल, इमोशन और ड्रामा को एक अनोखे अंदाज में पेश किया गया है। ट्रेलर को देखकर ही दर्शकों में फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ गई है। विक्रांत मैसी और राशि खन्ना ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है, वहीं रिद्धि डोगरा का किरदार भी प्रभावशाली नजर आ रहा है। यह कहानी उस दिन की भयावह घटना के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालती है, और दिखाती है कि कैसे एक घटना ने देश को हिला कर रख दिया था।
एकता कपूर का धर्म पर बयान
ट्रेलर लॉन्च इवेंट के दौरान फिल्म की प्रोड्यूसर एकता कपूर ने धर्म और आस्था को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। एकता ने कहा कि वे हिंदू हैं और उनके अनुसार, एक सच्चा हिंदू सेकुलर होता है, जो सभी धर्मों का सम्मान करता है। उन्होंने बताया कि पहले जब वे माथे पर लाल टीका लगाती थीं, तब उन्हें इस पर ट्रोल किया जाता था। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी डरकर काम नहीं किया। मैंने अपने धर्म को गर्व से अपनाया है, चाहे वो अंगूठियां पहनना हो या टीका लगाना। मैं इसे छिपाकर नहीं करती, बल्कि गर्व से करती हूं।”
एकता का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और उनके प्रशंसक उनकी बेबाकी और ईमानदारी की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी आस्था को छिपाकर रखते हैं, लेकिन उनके हिसाब से इसमें शर्माने की कोई जरूरत नहीं है।
‘द साबरमती रिपोर्ट’ से जुड़ी विशेष बातें
इस फिल्म का निर्माण एकता कपूर और विकिर फिल्म्स ने मिलकर किया है, और इसे बेहद संवेदनशीलता के साथ फिल्माया गया है। फिल्म का मुख्य उद्देश्य साबरमती एक्सप्रेस की घटना को बिना किसी पूर्वाग्रह के दर्शकों के सामने रखना है। एकता कपूर ने बताया कि उनकी पूरी टीम ने इस पर कड़ी मेहनत की है और इसमें किसी भी समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया है।