KNEWS DESK – छठ पूजा, जो हिंदू धर्म के पवित्र कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है, का महत्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अधिक है। इस महापर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव की पूजा करना और उनकी कृपा प्राप्त करना है। इस दिन श्रद्धालु 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर पूजा का समापन करते हैं।
इस वर्ष 2024 में, छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है और व्रति इस महापर्व को श्रद्धा और भक्ति के साथ मना रहे हैं। अब, सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि सूर्योदय का सही समय क्या होगा, ताकि व्रति अपने समय का सही उपयोग करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दे सकें। आइए जानते हैं, विभिन्न राज्यों में सूर्योदय का समय क्या रहेगा और सूर्य देव को अर्घ्य क्यों दिया जाता है।
सूर्योदय का सही समय
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के दिन विभिन्न शहरों में सूर्योदय का समय अलग-अलग हो सकता है। यहां हम आपको कुछ प्रमुख शहरों का सूर्योदय समय बता रहे हैं, ताकि आप सही समय पर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर सकें:
- राजधानी दिल्ली में सूर्योदय का समय सुबह 6:38 बजे होगा। इस समय व्रति सूर्य देव को अर्घ्य देंगे और पूजा का समापन करेंगे।
- बिहार में सूर्योदय का समय 5:59 बजे है। इसलिए यहां व्रति सूर्य अर्घ्य 5:59 बजे देंगे।
- उत्तर प्रदेश में सूर्योदय का समय 6:20 बजे है। यूपी में व्रति सूर्य अर्घ्य 6:20 बजे देंगे।
- झारखंड में सूर्योदय का समय 5:58 बजे है, इसलिए यहां सूर्य अर्घ्य 5:58 बजे दिया जाएगा।
- पश्चिम बंगाल में सूर्योदय का समय 5:44 बजे है, और यहां सूर्य अर्घ्य 5:44 बजे दिया जाएगा।
इन सभी शहरों में सूर्योदय का समय और सूर्य अर्घ्य का समय थोड़ा-बहुत भिन्न हो सकता है, लेकिन व्रति इन समयों के आसपास सूर्य देव को अर्घ्य देंगे और इस महापर्व की पूजा को विधिपूर्वक संपन्न करेंगे।
सूर्य देव को अर्घ्य क्यों देते हैं?
सूर्य देव को हिंदू धर्म में ग्रहों के राजा के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं, जो इस पर्व का मुख्य उद्देश्य होता है:
स्वास्थ्य में सुधार: सूर्य देव की पूजा से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति निरोगी रहता है। सूर्य देव का आशीर्वाद जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
आर्थिक समृद्धि: सूर्य देव की पूजा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं होती। इसके साथ ही व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
कृपा और आशीर्वाद: सूर्य देव की पूजा से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है, और परिवार के सभी सदस्य खुशहाल रहते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: सूर्य को उजाले और जीवन देने वाला माना जाता है। सूर्योदय के समय उन्हें अर्घ्य देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मकता दूर होती है।
पारिवारिक सुख: सूर्य देव की पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है, और परिवार के सभी सदस्य एकजुट रहते हैं। यह व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
छठ पूजा का महत्त्व और परंपराएं
छठ पूजा विशेष रूप से महिलाओं द्वारा की जाती है, जिनमें खासकर व्रति 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं। इस उपवास के दौरान वे न केवल अपने शरीर को शुद्ध करती हैं बल्कि आत्मिक शांति भी प्राप्त करती हैं। पूजा का प्रारंभ नहाय-खाय से होता है, जिसमें व्रति विशेष आहार ग्रहण करती हैं और फिर अगले दिन तक उपवास रखती हैं। इसके बाद सूर्यास्त के समय और अगले दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इस दौरान खासतौर पर विशेष सूप, ठेकुआ, कद्दू भात, खीर जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं।