उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , देवभूमि उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर है। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ बंद हो गये हैं। जबकि 17 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा-2024 का पूर्णत: समापन हो जाएगा। वहीं यात्रा समापन के साथ ही राज्य में चारधाम यात्रा को लेकर सियासत शुरू हो गई है। दअरसल कांग्रेस का आरोप है सरकार ने चारधाम यात्रा को सकुशल चलाने के लिए कोई तैयारी नहीं की जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के नकारात्मक यात्रा के प्रचार से देश विदेश के श्रद्धालुओं में गलत संदेश गया जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई बता दे कि चारधाम यात्रा-2024 में करीब 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। जबकि पिछले वर्ष 2023 की यात्रा में 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारोधामों के दर्शन किये थे। वहीं यात्रा के समापन के बीच अल्मोड़ा में भीषण हादसा हुआ है। मार्चुला के पास एक बस खाई में गिर गई हादसे में 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। जबकि कांग्रेस ने इसे नाकाफी बताते हुए 25-25 लाख रुपए दिये जाने की मांग की है।
देवभूमि उत्तराखंड में हादसे रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सरकार के तमाम दावों के बावजूद हादसों पर लगाम नहीं लग पा रही है। दअरसल अल्मोड़ा जिले में दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया है। मार्चुला के पास एक बस खाई में गिर जाने से 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ने अपने सभी कार्यक्रम निरस्त करते हुए पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिये। वहीं मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने के भी निर्देश दिए है। वहीं मुख्यमंत्री ने कुमाऊं आयुक्त को घटना की मजिस्ट्रेट जांच करने के निर्देश दिए। वहीं कांग्रेस ने इस हादसे पर सवाल खड़े करते हुए सरकार की सहायता राशि को नाकाफी बताते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए दिये जाने की मांग की है।
वहीं एक ओर जहां पहाड़ों में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओँ ने भी यात्रा के लिए पहाड़ चढ़ने में उत्साह नहीं दिखाया….दअरसल इस वर्ष की चारधाम यात्रा में करीब 44 लाख श्रद्धालुओं ने चारोधामों के दर्शन किये हैं। जबकि पिछले वर्ष की यात्रा में यही आंकड़ा 56 लाख के पार था। बता दें कि केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ बंद हो गये हैं। जबकि 17 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा-2024 का पूर्णत: समापन हो जाएगा। वहीं यात्रा समापन के साथ ही राज्य में चारधाम यात्रा को लेकर सियासत शुरू हो गई है। दअरसल कांग्रेस का आरोप है सरकार ने चारधाम यात्रा को सकुशल चलाने के लिए कोई तैयारी नहीं की जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के नकारात्मक यात्रा के प्रचार से देश विदेश के श्रद्धालुओं में गलत संदेश गया जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई…वहीं कांग्रेस ने इस गिरावट के साथ ही आल वेदर रोड़ के दावे पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं।
कुल मिलाकर उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़ा जरिया पर्यटन और तीर्थाटन है. प्रदेश की चारधाम यात्रा से प्रदेश को काफी उम्मीदें है। यही वजह है कि सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है जिससे श्रद्धालुओँ की संख्या में इजाफा हो… बावजूद इसके श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। वहीं अब इस गिरावट के पीछे राजनीतिक दल अपने अपने तर्क दे रहे हैं। इस बीच अल्मोड़ा में हुए हादसे ने भी सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है। देखना होगा सरकार इन अनुभवों से क्या सबक लेती है