‘डंकी’ में मिली कम फीस को लेकर तापसी पन्नू ने किया खुलासा, कहा – ‘उन्हें लगता है कि वे कोई एहसान कर रहे हैं..’

KNEWS DESK – बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू, जिन्हें हाल ही में अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘खेल खेल में’ और शाहरुख खान के साथ ‘डंकी’ में देखा गया था, ने अपने करियर से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली बातें शेयर की हैं। तापसी का कहना है कि बड़े सितारों के साथ काम करने पर भी उन्हें उनकी उम्मीद के मुताबिक फीस नहीं मिलती। इसके अलावा, उन्होंने इंडस्ट्री के उस मानसिकता पर भी बात की, जिसमें फिल्मों में हीरोइन का चयन खुद हीरो के अनुसार किया जाता है।

बड़ी फिल्मों में नहीं मिलती बड़ी फीस

तापसी ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया कि लोग समझते हैं कि बड़े सितारों के साथ काम करने से ज्यादा फीस मिलती होगी, लेकिन असलियत में ऐसा नहीं है। तापसी ने कहा, “लोगों को लगता है कि ‘जुड़वा’ या ‘डंकी’ जैसी फिल्मों के लिए मुझे अच्छी पेमेंट मिलती होगी, लेकिन सच्चाई यह है कि सबसे ज्यादा फीस मुझे उन फिल्मों के लिए मिलती है, जो मेरी वजह से चर्चा में आती हैं, जैसे ‘हसीन दिलरुबा’।” तापसी का कहना है कि अगर फिल्म में एक बड़ा हीरो होता है, तो निर्माता और निर्देशक इस बात को एक एहसान मानकर देखते हैं कि उन्हें उस फिल्म में लिया गया है।

हीरो ही करते हैं हीरोइन का चयन

तापसी ने इंडस्ट्री के हीरो-केंद्रित चयन प्रक्रिया पर भी अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा, “अधिकतर फिल्मों में हीरो ही तय करते हैं कि उनके साथ कौन सी हीरोइन होगी। यह एक मानसिकता बन गई है कि अगर फिल्म में एक बड़ा हीरो है, तो वह खुद ही तय करेगा कि उसके साथ कौन-सी अभिनेत्री होनी चाहिए।”

तापसी ने बताया कि इस सोच के कारण उन्हें कई बार ऐसे प्रोजेक्ट्स में काम करने का अवसर नहीं मिलता, जहां एक बड़ी फिल्म की स्टार कास्ट होती है। उन्होंने कहा, “यहां तक कि ऑडियंस भी अब समझ गई है कि फिल्म में हीरोइन का चयन मुख्य रूप से हीरो की पसंद पर निर्भर करता है, जब तक कि निर्देशक खुद एक सुपर-सक्सेसफुल और पावरफुल शख्सियत न हो।”

इंडस्ट्री में अपने दम पर बनाई पहचान

तापसी पन्नू ने फिल्मों में अपनी एक्टिंग स्किल्स और बेबाक अंदाज के कारण इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है। तापसी का कहना है कि ‘हसीन दिलरुबा’ जैसी फिल्में, जो उनकी वजह से दर्शकों के बीच चर्चित हुईं, उनमें उन्हें बेहतर पारिश्रमिक मिलता है। तापसी का मानना है कि इंडस्ट्री में महिला अभिनेत्रियों को सम्मान और समानता के मामले में अभी भी संघर्ष करना पड़ता है।

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