KNEWS DESK- गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह एक बार फिर गोसेवा को अपने दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाया। उन्होंने मंदिर की गौशाला में समय बिताते हुए गोवंश को गुड़ खिलाया और गौशाला के कार्यकर्ताओं को आवश्यक देखभाल के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने खास तौर पर सितंबर में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम से लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश, भवानी और भोलू, का खास ध्यान रखा। मुख्यमंत्री ने इन दोनों का नामकरण भी किया था—भवानी बछिया और भोलू बछड़ा। जब भी मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, वे भवानी और भोलू के हाल-चाल जरूर पूछते हैं। उनके दुलार और स्नेह से यह गोवंश भी पूरी तरह से सीएम से जुड़ गए हैं।
श्रद्धालुओं के साथ मुख्यमंत्री की आत्मीय मुलाकात
गौशाला में गोसेवा करने के साथ ही, मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया, उन्हें गुड़ और चारा खिलाते हुए उनके साथ बातचीत की।
इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर का भ्रमण किया, जहां उन्होंने दर्शन-पूजन के लिए आए श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया। श्रद्धालुओं ने ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया। सीएम ने हाथ उठाकर सबका अभिवादन स्वीकार किया और उनके कुशलक्षेम का हाल पूछा।
विशेष रूप से, कई श्रद्धालुओं के बच्चे भी गुरु गोरखनाथ का दर्शन करने आए थे। मुख्यमंत्री ने बच्चों को अपने पास बुलाया, उनके माथे पर हाथ फेरकर प्यार और आशीर्वाद दिया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से आत्मीयता से बात की और हंसी-मजाक भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह प्रयास न केवल गोसेवा को बढ़ावा देता है, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच भी एक विशेष संबंध स्थापित करता है, जिससे धार्मिक उत्साह और एकता की भावना और अधिक मजबूत होती है।
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