KNEWS DESK – आज जशपुर जिले के बगिया सीएम कार्यालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सरदार पटेल की महान उपलब्धियों और देश के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल अपनी देशभक्ति, दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाते हुए भारत के नवनिर्माण में योगदान दिया, जो इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है।
इस अवसर पर विधायक गोमती साय भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा, “सरदार पटेल का जीवन प्रेरणादायक था, और उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें यह स्मरण कराता है कि राष्ट्रीय एकता किसी भी देश की शक्ति और विकास का मूल आधार है। सरदार पटेल के विचार और उनके द्वारा किए गए कार्य हमें यह प्रेरणा देते हैं कि हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हुए एकजुट होकर देश की प्रगति में योगदान दें।”
राष्ट्रीय एकता की दिशा में सरदार पटेल का योगदान
सरदार पटेल का नाम भारतीय राजनीति में उस व्यक्ति के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि स्वतंत्रता के बाद भी भारत को एक सशक्त और एकीकृत राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 562 देशी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर एकीकृत भारत की नींव रखी। उनके इसी कार्य के कारण उन्हें ‘लौह पुरुष’ का खिताब मिला। उनके इस असाधारण साहस और दूरदर्शी दृष्टिकोण के कारण आज भारत एक संपूर्ण और एकजुट राष्ट्र है।
विविधता में एकता
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में भारत की विविधता पर भी जोर दिया और इसे देश की ताकत बताया। उन्होंने कहा, “भारत विविधताओं का देश है, जहां हर क्षेत्र की अपनी भाषा, संस्कृति, और परंपरा है। इन विविधताओं के बावजूद, एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम इस विविधता को संजोते हुए एकजुट रहें और देश की प्रगति में अपना सहयोग दें।”
सरदार पटेल की शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर यह भी कहा कि सरदार पटेल की शिक्षाएं हमें सिखाती हैं कि किसी भी कठिनाई का सामना साहस और दृढ़ संकल्प के साथ करना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि हमें सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। “राष्ट्रीय एकता दिवस केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक संकल्प है, जिसमें हम यह तय करते हैं कि हम सभी भारतीय एकजुट रहेंगे और एक मजबूत और सशक्त भारत का निर्माण करेंगे।”