KNEWS DESK- झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनावों को लेकर राजनीति में गर्माहट देखने को मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोमवार को एक जनसभा में आदिवासियों को बांग्लादेशी घुसपैठियों की साजिश से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। सोरेन ने चेतावनी दी कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आती है, तो आदिवासियों की कथित रूप से हड़पी गई जमीन उन्हें वापस लौटाई जाएगी।
चंपई सोरेन का ऐतिहासिक संदर्भ
सोरेन ने अपने भाषण में आदिवासी महापुरुषों जैसे सिदो-कान्हो, चांद-वैराभ, फूलो-झानो और बाबा तिलका मांझी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और शहीद हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में घुसपैठिए उसी जमीन को हड़प रहे हैं।
भाजपा की चुनावी रणनीति
चुनाव से पहले जनसभा को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा कि यदि भाजपा चुनाव में जीत हासिल करती है, तो पारंपरिक सामुदायिक संगठनों के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें अवैध रूप से हड़पी गई आदिवासी जमीनें असली मालिकों को लौटाने पर चर्चा की जाएगी। झारखंड चुनाव में भाजपा के प्रमुख मुद्दों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ, स्थानीय आदिवासी महिलाओं से शादी और आदिवासी जमीनों की हड़पना शामिल हैं।
आदिवासियों का अस्तित्व संकट में
सोरेन ने कहा कि बांग्लादेशियों की घुसपैठ के कारण कई गांवों में आदिवासियों का अस्तित्व संकट में आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि घुसपैठियों ने आदिवासियों के धार्मिक स्थलों पर भी कब्जा कर लिया है। झारखंड में संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम के अनुसार, गैर-आदिवासी लोग आदिवासियों से जमीन नहीं खरीद सकते। सोरेन ने राज्य सरकार से सवाल किया कि ये कथित घुसपैठिए कैसे आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं।
चुनाव की तिथियां
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। इस चुनाव में आदिवासी समुदाय की चिंताओं और अधिकारों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होने की संभावना है।
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