KNEWS DESK – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार शाम को विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मुलाकात करेंगी। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या के विरोध में डॉक्टरों के आमरण अनशन का 17वां दिन है।
हड़ताल 16वें दिन भी जारी
आपको बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का भूख हड़ताल 16वें दिन भी जारी है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने रविवार (20 अक्टूबर) को घोषणा की थी कि वे सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक में शामिल होंगे, लेकिन भूख हड़ताल वापस लेने की राज्य सरकार की शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मांगें पूरी न होने पर पूरे राज्य में काम बंद करने की धमकी दी है। इसके बाद राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में बैठक हो रही है।
बैठक की शर्तें
मुख्य सचिव मनोज पंत ने डब्ल्यूबीजेडीएफ को भेजे गए ईमेल में बैठक के लिए भूख हड़ताल वापस लेने को पूर्व शर्त बताया था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस बैठक में 10 डॉक्टरों से अधिक कोई शामिल नहीं होगा और बैठक की समय सीमा केवल 45 मिनट रहेगी। डॉक्टरों ने इस ईमेल को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया है, क्योंकि शनिवार को मुख्यमंत्री के साथ फोन पर हुई बातचीत में ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी।
भूख हड़ताल का प्रभाव
इस समय, कुल 8 जूनियर डॉक्टर हॉस्पिटल के सामने भूख हड़ताल पर हैं। इनमें से 7 डॉक्टर सेंट्रल कोलकाता के एस्प्लेनेड में और एक डॉक्टर दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत हैं।
10 सूत्री मांगों को लेकर जारी अनशन
डॉक्टरों के प्रमुख चेहरों में से एक, देबाशीष हलदर ने कहा कि बैठक में वे अपनी 10 सूत्री मांगों को विस्तार से रखेंगें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। हलदर की पत्नी, स्निग्धा हाजरा भी एक जूनियर डॉक्टर हैं और भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों में शामिल हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
जब तक राज्य सरकार द्वारा डॉक्टरों की मांगों पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी जाती, जूनियर डॉक्टरों का यह आंदोलन जारी रहेगा। इस स्थिति ने स्वास्थ्य सेवा में असुरक्षा और संवेदनहीनता की समस्या को उजागर किया है, जिसके चलते जूनियर डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा और अधिकारों के लिए यह हड़ताल की है।