बिग बॉस के टाइम गॉड को यूजर्स ने किया ट्रोल, कहा – ‘ये तो नाम का राजा है’

KNEWS DESK –  बिग बॉस का हर सीजन दर्शकों के लिए नई-नई थीम और ड्रामा लेकर आता है, और इस बार सीजन 18 की थीम है ‘टाइम का तांडव’। इस सीजन में शो के नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं, जो घरवालों के साथ-साथ दर्शकों के लिए भी चौंकाने वाले साबित हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार घर में कैप्टन की जगह ‘टाइम गॉड’ देखने को मिल रहा है, जो पास्ट, प्रेजेंट और फ्यूचर को बदलने की पावर रखता है।

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टाइम गॉड का खेल

शो की शुरुआत में बिग बॉस ने माइंड कोच अरफीन खान को ‘टाइम गॉड’ की भूमिका सौंपी थी। बिग बॉस के मुताबिक, टाइम गॉड के पास ऐसी पावर है कि वह घरवालों के द्वारा किए गए किसी भी फैसले को बदल सकते हैं और घर को पूरी तरह से कंट्रोल कर सकते हैं। इसे कैप्टेंसी से भी बड़ी पावर माना जा रहा था, लेकिन शो के शुरुआती हफ्तों में अरफीन खान के ‘टाइम गॉड’ बनने के बाद भी उनका प्रभाव उतना नजर नहीं आया, जितनी उम्मीद थी।

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टाइम गॉड या नाम का राजा?

टाइम गॉड बनने के बावजूद अरफीन खान की पावर उतनी प्रभावी नहीं दिख रही है। सोशल मीडिया पर फैन पेज ‘बिग बॉस तक’ के मुताबिक, टाइम गॉड की स्थिति अब एक नाम के राजा जैसी हो गई है, जबकि असली पावर घर के अन्य कंटेस्टेंट्स के पास दिख रही है।

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इस समय जेल में बंद कंटेस्टेंट अविनाश मिश्रा के पास घर को कंट्रोल करने और राशन बांटने की सारी पावर है, जो असल में टाइम गॉड को मिलनी चाहिए थी। दर्शकों का कहना है कि अविनाश जेल में होते हुए भी बाकी घरवालों पर हावी हो रहे हैं, और यहां तक कि टाइम गॉड भी उनसे राशन की मांग कर रहे हैं। इससे सवाल उठता है कि क्या बिग बॉस अपने ‘टाइम गॉड’ के कॉन्सेप्ट को सही तरीके से पेश नहीं कर पाए?

दर्शकों का रिएक्शन और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग

शो के दर्शकों ने भी टाइम गॉड के कॉन्सेप्ट पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स बिग बॉस पर कुछ कंटेस्टेंट्स के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “वैसे यह बेवकूफी वाला विचार है। टाइम का तांडव बकवास है।” वहीं, दूसरे यूजर ने शो के कन्फ्यूजन पर तंज कसते हुए लिखा, “बिग बॉस भी रजत दलाल की तरह कन्फ्यूज हैं।”

कुछ यूजर्स का मानना है कि बिग बॉस टाइम गॉड की पावर तब तक नहीं दिखाएंगे, जब तक उनके पसंदीदा कंटेस्टेंट्स, जैसे अविनाश मिश्रा या विवियन डीसेना, टाइम गॉड नहीं बनते। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिग बॉस वाकई कुछ कंटेस्टेंट्स को लेकर पक्षपाती हो रहे हैं?

क्या है आगे की उम्मीद?

बिग बॉस का यह नया ‘टाइम गॉड’ वाला ट्विस्ट दर्शकों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा कर रहा है। कुछ लोग इसे एक दिलचस्प मोड़ मानते हैं, जबकि अन्य इसे शो के लिए निराशाजनक मानते हैं। आने वाले हफ्तों में देखना होगा कि क्या टाइम गॉड की पावर वाकई में घरवालों के खेल को बदल पाती है या यह सिर्फ एक नाम मात्र की पोजीशन बनकर रह जाती है।

फिलहाल, दर्शकों के बीच इस सीजन को लेकर मिक्स रिएक्शन हैं और सभी को इंतजार है कि शो में आगे क्या नया मोड़ आता है।

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