KNEWS DESK- 1998 में बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। शीर्ष अदालत ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और एक अन्य आरोपी को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
दोषियों की पहचान
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया। हालांकि, कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। यह फैसला 22 अगस्त को सुरक्षित रख लिया गया था, जिससे सभी की नजरें इस मामले पर थीं।
हाईकोर्ट का पूर्व निर्णय
इससे पहले, पटना हाईकोर्ट ने भी मामले में पूर्व सांसद सूरजभान और विधायक मुन्ना शुक्ला समेत आठ लोगों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले की पुनः सुनवाई की और अपना निर्णय सुनाया।
न्याय की प्रतीक्षा
बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में न्याय की यह प्रक्रिया कई सालों से चल रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को उनके अपराध की सजा मिलेगी। यह निर्णय न केवल बृज बिहारी प्रसाद के परिवार के लिए एक राहत है, बल्कि न्यायपालिका के प्रति जनता के विश्वास को भी मजबूत करता है।
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