राहुल गांधी का तीखा हमला, ‘यह चक्रव्यूह भी टूटेगा’, सोनम वांगचुक की हिरासत पर उठाई आवाज

KNEWS DESK-  दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात को प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके लगभग 130 समर्थकों को सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई तब हुई जब वांगचुक अपनी 700 किलोमीटर लंबी ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ के तहत हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुए। पुलिस ने उन्हें लौटने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें हिरासत में लिया गया।

इस घटना के बाद कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया, उन्होंने कहा कि लद्दाखियों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है। उन्होंने वांगचुक और उनके समर्थकों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्गों को क्यों रोका गया है। राहुल गांधी ने यह भी जोड़ा कि सरकार को लद्दाख की आवाज सुननी होगी।

पैदल मार्च का उद्देश्य

सोनम वांगचुक ने 1 सितंबर को लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च शुरू किया था, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार से उनकी मांगों पर बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करना था। वांगचुक का कहना है कि यह मार्च सरकार द्वारा किए गए वादों को याद दिलाने के लिए है, जो पांच साल पहले किए गए थे।

वांगचुक की प्रमुख मांगें

सोनम वांगचुक की मुख्य मांगों में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना शामिल है, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कानून बनाने की शक्ति मिलेगी। इसके अलावा, वे लद्दाख को राज्य का दर्जा और पारिस्थितिक सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वांगचुक पहले ही अपने इन मुद्दों को उठाने के लिए लेह में नौ दिनों का अनशन भी कर चुके हैं।

लद्दाख की पारिस्थितिकी और सांस्कृतिक पहचान

लद्दाख की अनूठी पारिस्थितिकी और स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के मुद्दे पर सोनम वांगचुक ने बार-बार ध्यान केंद्रित किया है। उनका मानना है कि अगर सरकार लद्दाख की विशेष जरूरतों का ध्यान नहीं रखती है, तो यह क्षेत्र न केवल सांस्कृतिक रूप से, बल्कि पारिस्थितिकीय दृष्टि से भी खतरे में पड़ जाएगा।

ये भी पढ़ें-  दिशा पाटनी के रूमर्ड ब्वॉयफ्रेंड संग पूल में मस्ती करती नजर आईं नताशा स्टानकोविक, यूजर्स ने किया रिएक्ट

About Post Author