केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के दौरान यह स्पष्ट किया था कि वे जनता के आदेश का इंतजार करेंगे और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाण पत्र देगी। यह आयोजन दिल्ली की जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी और वचनबद्धता को दर्शाता है।
आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह
इस बीच, 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। उनके साथ अन्य मंत्रियों का भी शपथ ग्रहण होगा। अरविंद केजरीवाल ने बीते मंगलवार को उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा, और आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
आतिशी की नई कैबिनेट में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल होंगे, जो पहले से ही केजरीवाल कैबिनेट का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा, सुल्तानपुरी से विधायक मुकेश अहलावत इस नई सरकार में नया चेहरा होंगे और अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कैबिनेट में एक स्थान अभी खाली है, जिसके लिए पार्टी में विचार-विमर्श चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि शपथ ग्रहण से पहले इस पद के लिए नाम की घोषणा की जाएगी।
आम आदमी पार्टी का यह कदम न केवल पार्टी की रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह दिल्ली की जनता के साथ उनकी गहरी जुड़ाव को भी दर्शाता है। जंतर मंतर पर आयोजित होने वाला कार्यक्रम जनता की भागीदारी को और भी मजबूत करेगा और केजरीवाल के ईमानदारी के सिद्धांत को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।
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