KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार हर बात छिपाना चाहती है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों में विरोधाभास है। यादव ने कहा, “मैंने कभी भी किसी साधु-संत के लिए कुछ नहीं कहा है। योगी जी की तस्वीर के सामने मेरी तस्वीर रख दो, तो पता चल जाएगा कि मठाधीश कौन है।”
वन नेशन-वन इलेक्शन पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने “वन नेशन, वन इलेक्शन” प्रस्ताव पर भी अपनी असहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा, “महिला आरक्षण का प्रस्ताव कब लागू होगा, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है। 18,626 पन्नों की रिपोर्ट 191 दिनों में तैयार की गई है, जो यह दर्शाती है कि इन लोगों ने किस तरह की चर्चा की होगी। यह भाजपा का प्रस्ताव है जिसका मकसद ‘वन नेशन, वन इलेक्शन और वन डोनेशन’ है।”
जानवरों के हमलों का मुद्दा
यादव ने भेड़ियों के हमलों से प्रभावित जिलों के लोगों से मिलने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से जानवरों का आतंक बढ़ गया है। “प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यूपी में जानवरों की समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन हमले बढ़ गए हैं। बहराइच और आसपास के लोग गीदड़ और भेड़िए से खौफ में हैं,” उन्होंने कहा।
गरीबों के प्रति भेदभाव का आरोप
अखिलेश यादव ने गरीबों के प्रति योगी सरकार के भेदभाव का आरोप लगाते हुए मांग की कि जानवरों के हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को पांच लाख रुपये दिए जाएं। इसके साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि जानवरों की समस्या से निपटने के लिए एक एसटीएफ बनाई जाए।
योगी सरकार पर तंज
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तंज करते हुए कहा कि वह एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने ऊपर लगे मुकदमे वापस ले लिए हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “आखिर उन्होंने अभी तक टॉप टेन माफियाओं की सूची क्यों नहीं जारी की है?” इस तरह, अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार की नीतियों और उनके कार्यों पर एक बार फिर कड़ा प्रहार किया है, जो आगामी चुनावों में उनकी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।
ये भी पढ़ें- आतिशी की नई कैबिनेट का गठन, 21 सितंबर को सीएम बनेंगी, नए मंत्री भी होंगे शामिल