2029 में हुए वन नेशन-वन इलेक्शन तो 17 राज्यों का कार्यकाल होगा 3 साल से कम, आधा दर्जन राज्यों पर पड़ेगा कम असर!

KNEWS DESK- मोदी सरकार ने वन नेशन-वन इलेक्शन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इस कमेटी ने सुझाव दिया है कि 2029 में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की योजना बनाई जाए।

चुनावी प्रक्रिया में बदलाव

कमेटी ने पहले चरण के तहत लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की है, उसके बाद स्थानीय निकाय चुनाव 100 दिनों के भीतर कराने का प्रस्ताव दिया गया है। सरकार अब इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी कर रही है, और उसे उम्मीद है कि उसके सहयोगी दल इस बिल का समर्थन करेंगे।

राज्यों पर प्रभाव

अगर 2029 में एक साथ चुनाव होते हैं, तो कई राज्यों की विधानसभाओं को कार्यकाल खत्म होने से पहले भंग करना पड़ेगा। वर्तमान में 2023 में 10 राज्यों में नई विधानसभाएं बनी हैं, जिनका कार्यकाल 2028 तक है। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम शामिल हैं। ऐसे में इन राज्यों में 2029 के चुनावों से पहले विधानसभाएं भंग हो जाएंगी, और इनका कार्यकाल केवल एक साल का रह जाएगा।

इसके अलावा, कुछ राज्यों में जहां 2027 में चुनाव होना है, वहां सरकार का कार्यकाल दो साल का रह जाएगा। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गुजरात शामिल हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और केरल में 2026 में चुनाव होने हैं, जिससे इन राज्यों की सरकारों का कार्यकाल तीन साल या उससे भी कम रहेगा।

कम असर वाले राज्य

वहीं, कुछ राज्यों पर इस नीति का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए हैं। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में इस साल नवंबर तक चुनाव होंगे। इन राज्यों में सरकारों के कार्यकाल पर अधिकतम छह महीने का असर पड़ सकता है।

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