KNEWS DESK – दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह 17 सितंबर की शाम को उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस महत्वपूर्ण फैसले के दौरान केजरीवाल के साथ दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में चुनी गईं आतिशी और पूरी कैबिनेट भी मौजूद थी। इस्तीफा सौंपने के बाद केजरीवाल ने आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया और फिर मीडिया से बातचीत किए बिना वहां से निकल गए। उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, और सौरभ भारद्वाज भी उपस्थित थे।
इस्तीफा देने की पृष्ठभूमि
केजरीवाल का इस्तीफा तब आया जब वह आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर बाहर आए। वह छह महीने तक तिहाड़ जेल में बंद थे और हाल ही में 13 सितंबर को रिहा हुए थे। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने जनता से कहा कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी तब तक नहीं संभालेंगे जब तक लोग उन्हें फिर से ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देते। केजरीवाल ने इस्तीफा देते समय यह भी कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर यह फैसला लिया है, और वह जब तक निर्दोष साबित नहीं हो जाते, तब तक मुख्यमंत्री पद से दूर रहेंगे।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी
आतिशी, जो अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वह वर्तमान में केजरीवाल सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति, और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। आतिशी ने अपनी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है और वह दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलावों के लिए जानी जाती हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही की बेटी आतिशी ने दिल्ली के प्रतिष्ठित स्प्रिंगडेल स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जहां वह विश्वविद्यालय में पहले स्थान पर रहीं। इसके बाद उन्होंने Chevening scholarship के तहत ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की और फिर एजुकेशन रिसर्च में रोड्स स्कॉलर के रूप में दूसरी मास्टर डिग्री पूरी की।
आगे की राह
आतिशी के नेतृत्व में अब दिल्ली सरकार एक नए दौर की शुरुआत करने जा रही है। उनकी शैक्षिक और प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि वह मुख्यमंत्री के रूप में दिल्ली के विकास को और आगे ले जाएंगी।