KNEWS DESK – रविवार शाम एक और ट्रेन को निशाना बनाने की कोशिश विफल हो गई जब कालिंदी एक्सप्रेस ने ट्रैक पर रखे एक भरे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई। यह घटना अनवरगंज और कासगंज रेलवे लाइन के बीच बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच हुई। ट्रेन के लोको पायलट की सूझ- बूझ के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
लोको पायलट की सूझ- बूझ से टला हादसा
आपको बता दें कि ये घटना अनवरगंज-कासगंज रेलवे रूट पर बर्राजपुर और बिल्हौर रेलवे स्टेशन के बीच हुई। कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे एलपीजी गैस सिलेंडर से टकरा गई। धमाके की आवाज सुनते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को तुरंत रोक दिया और मुंढेरी क्रासिंग के गेटमैन को भी जानकारी दी। घटना के बाद ट्रेन लगभग 25 मिनट तक खड़ी रही, फिर इसे आगे बढ़ाया गया और बिल्हौर स्टेशन पर भी रोका गया। खबर मिलते ही रेलवे पुलिस और लोकल पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच की। ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखने से साफ जाहिर होता है कि ट्रेन को उड़ाने की कोशिश थी, जोकि नाकाम हो गई।
पुलिस ने घटनास्थल पर पेट्रोल से भरी बोतल, माचिस और एक संदिग्ध बैग भी बरामद किया गया। संदिग्ध झोले में बारूद और माचिस रखी हुई थी। हालांकि, पुलिस ने धमाके की बात से इनकार किया है और आरपीएफ कन्नौज के इंस्पेक्टर ओपी मीणा ने बताया कि कैमरों की फुटेज के आधार पर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
एक सप्ताह के भीतर हुई तीसरी ऐसी घटना
यह घटना एक सप्ताह के भीतर हुई तीसरी ऐसी घटना है। 16 अगस्त को कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए थे। रेलवे ने इसे साजिश का मामला बताया था, हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। इसके बाद, 23 अगस्त को फर्रुखाबाद में कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस को लकड़ी के मोटे बोटा से टकरा दिया गया था, लेकिन उसमें कोई नुकसान नहीं हुआ था। इस घटना में दो युवक पकड़े गए थे, जिन्होंने शराब के नशे में लकड़ी का बोटा रखने की बात स्वीकार की थी।