लखनऊ में बिल्डिंग हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हुई, राहत और बचाव कार्य जारी

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार शाम को ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में एक बिल्डिंग गिरने से मरने वालों की संख्या 8 तक पहुंच गई है। हादसा शनिवार शाम करीब 4.45 बजे हुआ, जब बिल्डिंग के मलबे में लोगों के फंसे होने की खबर आई। जिला प्रशासन के अनुसार, आपदा राहत विभाग ने अब तक मलबे से 28 लोगों को घायल हालत में निकाला है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

हादसे के स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), उत्तर प्रदेश पुलिस और फायर ब्रिगेड के जवान शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई भी कोताही न बरतने की ताकीद की है।

मरने वालों की पहचान- राहत आयुक्त जीएस नवीन के अनुसार, हादसे में मृतक की पहचान धीरज गुप्ता (48), पंकज तिवारी (40), अरुण सोनकर (28), राकेश लखनपाल (67), जसप्रीत सिंह साहनी (41), राज किशोर (27), रुद्र यादव (24) और जगरूप सिंह (35) के रूप में की गई है। इनमें से राज किशोर, रुद्र यादव और जगरूप सिंह के शव रविवार सुबह मलबे से बरामद किए गए हैं।

घायलों की स्थिति- रेस्क्यू टीमों ने अब तक 28 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। इनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया है। घायलों में राजेंद्र (25), भानु सिंह (22), शत्रुघ्न सिंह (60), शिवमोहन (38), प्रवीणा (30), शांति देवी (65), आदर्श यादव (10), काजल यादव (14) और अन्य शामिल हैं।

हादसे के कारण- अधिकारियों का कहना है कि हादसे के समय बिल्डिंग के बेसमेंट में काम चल रहा था। ग्राउंड फ्लोर पर मोटर वर्कशॉप, पहली मंजिल पर मेडिकल गोदाम और दूसरी मंजिल पर कटलरी गोदाम था। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, भारी बारिश के कारण जमीन धंसने और बिल्डिंग के एक खंभे में आई दरार से यह हादसा हुआ हो सकता है।

रेस्क्यू ऑपरेशन- मलबे में किसी और के फंसे होने की आशंका को देखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है। SDRF की तीन टीमें रेस्क्यू कार्य में जुटी हैं, और हायड्रा और जेसीबी मशीनों के साथ खोजी कुत्तों की मदद से मलबे में फंसे लोगों की तलाश की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के तुरंत बाद उच्च अधिकारियों को मौके पर भेजा और सीएम ऑफिस द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातार निगरानी की जा रही है। इस हादसे ने लखनऊ के नागरिकों और प्रशासन को गहरा धक्का दिया है और अब सभी की नजरें रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर टिकी हैं।

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