उत्तर प्रदेश: बरेली जिला अस्पताल में नहीं हो पा रहा नेत्र रोगियों का इलाज, लेंस की भारी किल्लत

रिपोर्ट – शानू कुमार 

उत्तर प्रदेश – बरेली में आंखों के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के दावे जमीनी स्तर पर खोखले साबित हो रहे हैं, बरेली के जिला अस्पताल में नेत्र रोगी लगातार परेशान हो रहे हैं| कुछ समय पहले संबंधित दवाओं की किल्लत थी, वहीं जब यह किल्लत दूर हुई तो लेंस की किल्लत शुरू हो गई और अब लेंस के अभाव में मोतियाबिंद के ऑपरेशन बिलकुल नहीं हो पा रहे हैं| वहीं जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर, सर्जन मरीजों को ऑपरेशन के लिए तारीख पर तारीख दे रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल सूत्रों की बात करें तो करीब 100 से ज्यादा ऐसे मरीज हैं, जिनका ऑपरेशन नहीं हो सका है और उनको सिर्फ तारीख दी जा रही है।

Till now cataract operation was done in contract, now eye test will be done in government hospital only, doctor gave joining | जिला अस्पताल में 2 साल बाद बढ़ी सुविधा: अब तक

बता दें कि जिला अस्पताल में लेंस की कमी के कारण मोतियाबिंद के ऑपरेशन पूरी तरह से बंद हो गए हैं। मरीजों को ऑपरेशन के लिए तारीखें दी जा रही हैं, लेकिन लेंस की कमी के चलते इन तारीखों को भी बार-बार स्थगित किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, करीब 100 से अधिक मरीज हैं जिनका ऑपरेशन अभी तक नहीं हो सका है। वहीं इस पूरे मामले पर जब सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह से बात करना चाहा तो वो कैमरे पर आने से बचे और मौखिक रूप से उन्होंने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जल्द ही सुविधा मरीजों को मुहैया कराई जाएगी।

योगी सरकार और उनके अधिकारियों को जमकर घेरा

वहीं इस पूरे मामले पर सपा के प्रदेश प्रवक्ता मयंक शुक्ला ने बयान देते हुए यूपी की योगी सरकार और उनके अधिकारियों को जमकर घेरा| उन्होंने कहा कि लगातार ऐसी शिकायतें हमको मिलती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग और बीजेपी सरकार की आंखे बंद हो गईं| जिससे का खामियाजा शहर भर की जनता और पूरे प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

मरीज पिछले कई महीनों से परेशान

फिलहाल जिस तरह से आंखों के ऑपरेशन के लेंस की किल्लत है और जिस वजह से मरीजों को भारी परेशानी हो रही और यह समस्या पिछले तीन माह से लगातार चल रही है लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं हो सका है और अब सीएमओ बरेली ने जबाव न देते हुए बात को टाल दिया है| अब देखना होगा जिस तरह मरीज पिछले कई महीनों से परेशान हो रहे हैं| अब इनका समाधान कौन करेगा और उनके आंखों की रोशनी लौटाने की जिम्मेदारी कौन लेगा।

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