KNEWS DESK – बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का बढ़ना शरीर में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, खासकर हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा। यह कोलेस्ट्रॉल हृदय की धमनियों में जमने लगता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज और अन्य कार्डियक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए पारंपरिक आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को एक प्रभावी उपाय माना गया है। आइए जानें कैसे अर्जुन की छाल आपके बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है और इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।
अर्जुन की छाल के गुण-
अर्जुन का पेड़ और उसकी छाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में लंबे समय से उपयोग की जाती है। इसके औषधीय गुण निम्नलिखित हैं:
1.हृदय के लिए लाभकारी: अर्जुन की छाल हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। इसमें टैनिन और ग्लाइकोसाइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
2. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: अर्जुन की छाल में हाइपोलिपिडेमिक गुण होते हैं, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह रक्तदाब को भी कम करती है, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।
3. कोर्टिसोल स्तर में कमी: अर्जुन की छाल कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है, जो तनाव के प्रभाव को कम करता है।
अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें
अर्जुन की छाल का सेवन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन सबसे प्रभावी तरीका है इसका काढ़ा बनाना।
अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा बनाने की विधि:
सामग्री:
अर्जुन की छाल: 3 ग्राम
दालचीनी: 2 ग्राम
पानी: 3 कप
विधि:
एक पैन में 3 कप पानी डालें और उसमें 3 ग्राम अर्जुन की छाल और 2 ग्राम दालचीनी डालें।
मिश्रण को उबालें और उबालते समय पानी की मात्रा आधी हो जाने तक पकाएं।
जब पानी एक कप रह जाए, तो गैस बंद कर दें और मिश्रण को छान लें।
सेवन:
इस काढ़े का सेवन दिन में एक बार करें। इसे नियमित रूप से लेने से कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव होता है।
अर्जुन की छाल के अन्य लाभ
कैंसर रोधी गुण: अर्जुन की छाल में कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव के गुण भी होते हैं।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: नियमित सेवन से हृदय की स्वास्थ्य में सुधार होता है और हृदय रोगों का जोखिम कम होता है।