KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलडोजर एक्शन को लेकर चल रही बयानबाजी पर कड़ा पलटवार किया है। लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा चयनित 1,334 अवर अभियंता, संगणक, और फोरमैन को नियुक्ति पत्र वितरित किए, सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया।
सीएम योगी का पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए न सिर्फ हिम्मत बल्कि दिल और दिमाग की भी जरूरत होती है। उन्होंने टिप्पणी की कि दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग क्या बुलडोजर चला सकते हैं। सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि “सबके हाथ में बुलडोजर फिट नहीं बैठता है। बता दें कि सीएम योगी ने यह टिप्पणी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में यह भी कहा कि 2017 से पहले जिन्होंने देश को लूटा, आज जब उनके सपने टूट गए हैं, तो वे मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं। उन्होंने राज्य के युवाओं, व्यापारियों और उद्यमियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। आज कोई भी आपकी क्षमता और योग्यता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकता है। अगर कोई बाधा उत्पन्न होती है, तो हम उसे हटाएंगे।”
अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया सभागार में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2027 में उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनेगी और बीजेपी का सफाया होगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही प्रदेश के सभी बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा।
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार में निर्दोष लोगों को सताया जा रहा है, किसान परेशान हैं, और नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने बीजेपी के शासनकाल में प्रदेश के पिछड़ने और विकास के काम रुकने का आरोप लगाया। सपा अध्यक्ष ने जनता की समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाएगी।
सीएम योगी की नियुक्ति पत्र वितरण
कार्यक्रम में, सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सरकारी नियुक्तियों की पारदर्शिता की सराहना की और कहा कि आज से सात साल पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था सातवें स्थान पर थी, जबकि अब यह दूसरे स्थान पर है। उन्होंने नियुक्तियों की पारदर्शिता और प्रदेश के विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को भी जोर देकर कहा। इन बयानों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगामी चुनावों के लिए दोनों प्रमुख पार्टियों—बीजेपी और समाजवादी पार्टी—के बीच गहरी प्रतिस्पर्धा और तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। यह स्थिति आने वाले चुनावों में सियासी माहौल को और गरमा सकती है।
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