KNEWS DESK- गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार 7 सितंबर को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी| भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धि, ज्ञान, और समृद्धि के देवता के रूप में जाना जाता है, की पूजा इस दिन विशेष रूप से की जाती है। गणेश चतुर्थी का पर्व मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और गोवा जैसे राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, हालांकि अब यह पूरे भारत और दुनियाभर में फैले भारतीय समुदायों में भी मनाया जाने लगा है।
इस पर्व के पीछे पौराणिक कथा है कि माता पार्वती ने भगवान गणेश की रचना हल्दी के उबटन से की थी और उन्हें अपने स्नान के समय पहरेदारी करने का आदेश दिया था। जब भगवान शिव घर वापस आए और प्रवेश करने की कोशिश की, तो गणेशजी ने उन्हें रोक दिया। इससे क्रोधित होकर, शिवजी ने गणेशजी का सिर काट दिया। माता पार्वती के दुखी होने पर, शिवजी ने उन्हें हाथी का सिर लगाकर पुनर्जीवित किया और आशीर्वाद दिया कि गणेशजी की पूजा सबसे पहले की जाएगी। इसी कारण गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के सम्मान में मनाया जाता है।
यह उत्सव दस दिनों तक चलता है, जिसमें पहले दिन गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति की स्थापना की जाती है, और दसवें दिन अनंत चतुर्दशी के अवसर पर गणेश विसर्जन किया जाता है। इन दिनों में लोग गणपति की पूजा, आरती, और भजन-कीर्तन करते हैं, और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मांगते हैं। गणेश चतुर्थी का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है, जो आस्था, एकता, और सद्भावना का संदेश देता है।
पूजा और स्थापना का सही मुहूर्त हैं, 7 सितंबर, 2024 शनिवार को सुबह 11.03 मिनट से दोपहर 1.34 मिनट तक| इस दौरान आप बप्पा की स्थापना घर में कर सकते हैं|