दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से सेबी की चेयरमैन माधवी बुच की नियुक्ति पर मांगी सफाई

KNEWS DESK – कांग्रेस ने सोमवार को सेबी की अध्यक्ष माधवी बुच पर नए आरोप लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी नियुक्ति पर कैबिनेट की नियुक्ति समिति के प्रमुख के रूप में सफाई देने को कहा।

धारा 54, कर्मचारी सेवा विनियमन का सीधा उल्लंघन

कांग्रेस ने कहा कि 2017 में सेबी की मौजूदा अध्यक्ष के पदभार संभालने के बाद से वे न केवल सेबी से वेतन ले रही हैं बल्कि उन्हें आईसीआईसीआई बैंक से भी सैलरी मिल रही है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ये सेबी की धारा 54, कर्मचारी सेवा विनियमन का सीधा उल्लंघन है। ये फायदा का मामला है। अगर किसी को थोड़ी भी शर्म होती तो वे इस्तीफा दे देती।

हिंडनबर्ग के खुलासे पर क्या बोलीं माधवी बुच, पति ने भी दी सफाई, 2022 में बनीं SEBI की चेयरपर्सन - SEBI Chief Madhabi Puri Buch Dhaval Buch releases joint statement on Hindenburg

उन्होंने कहा कि सेबी की चेयरपर्सन को कौन बचा रहा है? हम प्रधानमंत्री से ये जानना चाहते हैं कि क्या वे वही व्यक्ति हैं जिन्होंने या तो इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें नियुक्त किया या वो इन सभी तथ्यों से अनभिज्ञ हैं। सेबी चेयरपर्सन को क्यों बचाया जा रहा है और कौन है उसकी रक्षा कर रहा है। शतरंज का ये खेल कौन खेल रहा है?

अडाणी घोटाले से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी

खेड़ा ने कहा कि बुच पांच अप्रैल, 2017 से चार अक्टूबर, 2021 तक सेबी की पूर्णकालिक सदस्य और दो मार्च, 2022 से सेबी की अध्यक्ष थी। इससे पहले अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाने वाली निवेश रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की कथित अडाणी घोटाले से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।

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