KNEWS DESK- जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक बड़ा झटका लगा है। सांबा जिला अध्यक्ष कश्मीरा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा टिकट की चयन प्रक्रिया को लेकर असंतोष का परिणाम है, खासकर जब पार्टी ने सुरजीत सिंह स्लैथिया को टिकट दिया, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस से आए हैं। कश्मीरा सिंह ने इस निर्णय का विरोध करते हुए पार्टी से अपना इस्तीफा सौंपा।
कश्मीरा सिंह का इस्तीफा और विरोध
अपने इस्तीफे में कश्मीरा सिंह ने लिखा कि उन्होंने बीजेपी की सेवा 40 वर्षों तक की है, जिसमें पोलिंग बूथ एजेंट से लेकर सांबा जिला अध्यक्ष तक का सफर शामिल है। उन्होंने कहा कि उनके इतने वर्षों की सेवा का पार्टी ने उचित मूल्यांकन नहीं किया और उन्हें टिकट न देकर सुरजीत सिंह स्लैथिया को उम्मीदवार बनाया, जिसे उन्होंने हमेशा से विरोध किया है। इस निर्णय ने उनकी निराशा को जन्म दिया, जिससे उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
बीजेपी में टिकट न मिलने से नाराजगी
कश्मीरा सिंह के इस्तीफे के बाद, बीजेपी में टिकट आवंटन को लेकर असंतोष बढ़ गया है। इससे पहले, एडवोकेट चंद्रमोहन शर्मा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और आजाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। शर्मा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया है, वे सही नहीं हैं और जम्मू-कश्मीर बीजेपी इकाई ने सही उम्मीदवारों की सूची दिल्ली को नहीं भेजी।
पार्टी के अंदरूनी विवाद और समाधान की कोशिशें
बीजेपी के अंदरूनी विवादों को सुलझाने के लिए जेपी नड्डा ने सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव, जी किशन रेड्डी और जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। नड्डा ने टिकट आवंटन के विवादों और विरोध प्रदर्शनों को लेकर पार्टी मुख्यालय और अन्य स्थानों पर चर्चा की और तरूण चुघ, रविंदर रैना और संगठन महासचिव अशोक कौल से भी बात की। बीजेपी की इन अंदरूनी कलहों के बावजूद, पार्टी को चुनावी मैदान में मजबूती से उतरने के लिए कई मुद्दों को संबोधित करना होगा, ताकि वे आगामी विधानसभा चुनाव में सफलता प्राप्त कर सकें।