मीनू मुनीर ने जयसूर्या और मुकेश पर यौन उत्पीड़न के लगाए आरोप, सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग

KNEWS DESK – मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हाल ही में उठा विवाद अब राजनीतिक और सामाजिक फलक पर भी प्रभाव डाल रहा है। एक्ट्रेस मीनू मुनीर ने एक्टर जयसूर्या पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है। उन्होंने न्यूज 15 के साथ विशेष बातचीत में कहा कि अब कामकाजी जगहों पर महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराना बेहद जरूरी है।

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से एक और खुलासा! मीनू मुनीर संग सेट पर हुई थी खौफनाक  घटना, अब 11 साल बाद मांगा न्याय - malayalam film industry metoo movement minu  muneer physical and

मीनू मुनीर का आरोप और न्याय की मांग

मीनू मुनीर ने आरोप लगाया कि जयसूर्या ने उन्हें काम के दौरान यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और काम की जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। मीनू ने कहा, “मुझे न्याय चाहिए। महिलाओं को काम करते समय असुरक्षित नहीं महसूस करना चाहिए।”

मुकेश पर भी हमला

मीनू ने सीपीआई (एम) विधायक और एक्टर मुकेश पर भी हमला किया और उन्हें इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने राजनीतिक पार्टी से अनुरोध किया कि वे मुकेश का समर्थन न करें, और कहा, “सरकार और पार्टी किसी भी मुकेश जैसे व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकती। उनके परिवार में भी महिलाएं हैं, और कोई भी राजनीति इस तरह के व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकती।”

मोहनलाल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया

मीनू ने मोहनलाल के एएमएमए (मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन) के अध्यक्ष पद से इस्तीफे को सही कदम बताया और पृथ्वीराज सुकुमारन से अनुरोध किया कि वे एएमएमए का नेतृत्व संभालें। मीनू का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है और उन्होंने उम्मीद जताई कि बदलाव जल्द होगा।

एफआईआर और आरोपियों की स्थिति

मीनू मुनीर की शिकायत के बाद, सीपीआई (एम) विधायक मुकेश, एक्टर जयसूर्या और एडावेला बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जयसूर्या के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जो एक महिला की शील भंग करने से जुड़ी है। आरोपियों पर यौन और मौखिक हमलों के भी आरोप लगाए गए हैं।

मीनू मुनीर की इस पहल ने फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति में एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। उनके आरोप और मांगें समाज में महिला सुरक्षा और कामकाजी जगहों पर समानता के मुद्दों पर फिर से प्रकाश डाल रही हैं।

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