KNEWS DESK- दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हाल ही में अदालत में एक चौंकाने वाला दावा पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपए देने का वादा किया था। इस दावे के साथ ही सीबीआई ने कहा है कि उसके पास इस आरोप के समर्थन में ठोस सबूत हैं।
सीबीआई का दावा और अदालत की सुनवाई
सीबीआई ने बीते मंगलवार को दिल्ली की अदालत में यह दावा किया कि शराब घोटाले से अर्जित धन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इच्छा के अनुसार खर्च किया गया। अदालत के समक्ष पेश हुए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह ने बताया कि केजरीवाल ने गोवा विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपए देने का वादा किया था। सीबीआई का कहना है कि इस वादे के तहत गोवा के 40 निर्वाचन क्षेत्रों में यह राशि वितरित की गई। अदालत ने सीबीआई की इस दलील को ध्यान में रखते हुए आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का आदेश तीन सितंबर तक सुरक्षित रख लिया है। इसी मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत भी तीन सितंबर तक बढ़ा दी गई है।
केजरीवाल और अन्य पर आरोप
सीबीआई ने यह भी दावा किया कि अरविंद केजरीवाल चुनाव के मुख्य प्रस्तावक थे और उनकी नियुक्ति पर आप के संचार प्रभारी विजय नायर ने साउथ ग्रुप के साथ इस सौदे पर बातचीत की थी। सीबीआई ने आरोप पत्र में केजरीवाल के साथ-साथ अन्य पांच आरोपियों – दुर्गेश पाठक, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर, और पी सरथ रेड्डी – का नाम भी शामिल किया है। अदालत ने सीबीआई की ओर से दायर चौथे सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर विचार करते हुए बताया कि आगे कोई नई जांच नहीं होगी और ट्रायल के लिए तैयारी की जा रही है।
केजरीवाल की अदालत में उपस्थिति
अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने अदालत को सूचित किया कि उनका शुगर लेवल गिर रहा है और उन्हें भोजन की आवश्यकता है। अदालत ने उनकी दलील को मानते हुए उन्हें कुछ समय के लिए सुनवाई से बाहर जाने की अनुमति प्रदान की। इस नए आरोप के बाद अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई के दावे और अदालत की कार्यवाही से यह स्पष्ट है कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया की लंबी और जटिल यात्रा जारी रहेगी। आगामी सुनवाई और ट्रायल के दौरान यह देखना होगा कि सीबीआई के दावों का कितना समर्थन मिलता है और इस विवाद का अंत किस दिशा में होता है।
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