Uttarakhand: विश्व प्रसिद्ध ओम पर्वत से गायब हुई ‘ॐ’ की आकृति, दिख रहा सिर्फ काला पहाड़, लोग हैरान

KNEWS DESK- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित ओम पर्वत ‘ॐ’ का चिन्ह गायब हो गया है| इस घटना ने लोगों को चौंका दिया है| यह एक प्रसिद्ध पर्वत है जो अपने ओम के आकार के चिन्ह के लिए जाना जाता है| यह चिन्ह प्राकृतिक रूप से बना था और इसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है| ओम चिन्ह के गायब होने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है| लोगों का मानना है कि यह प्राकृतिक कारणों से हुआ होगा, जबकि कुछ लोग इसमें मानव हस्तक्षेप होने की बात कह रहे हैं|

Om Parvat Without Snow: बढ़ते तापमान से ओम पर्वत से पिघली बर्फ, OM की आकृति गायब... - Om parvat without snow shape of om is missing due to rising temperature - AajTak

ओम पर्वत और इसका ओम का चिन्ह राज्य की संस्कृति और धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है| लोगों ने इस घटना की जांच की मांग की है और ओम के चिन्ह को बहाल करने के लिए कहा है| सरकार ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है| साथ ही ओम के चिन्ह को बहाल करने की दिशा में कदम उठाए हैं| लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही ओम का चिन्ह फिर से अपने स्थान पर होगा|

स्थानीय पर्यावरणविद भगवान सिंह रावत ने कहा कि ओम पर्वत से बर्फ का पिघल जाना गंभीर घटना है| भविष्य के लिए चेतावनी भी है| वैज्ञानिकों को इस पर डिटेल में स्टडी करनी चाहिए| ताकि समय पर हिमालय की बर्फ को बचाया जा सके| पिथौरागढ़ में लंबे समय से निर्माण कार्य हो रहा है| पर्यटन की वजह से भीड़ भी बढ़ी है|इससे जलवायु बदल रहा है |

5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है ओम पर्वत

बता दें कि उत्तराखंड के पिथोरागढ़ में स्थित ओम पर्वत जिसकी बर्फ पिघलने से विश्व ओम पर्वत से ओम गायब हो गया है| अब यहां महज काला पहाड़ नजर आ रहा है| पर्यावरणविद और स्थानीय लोग वैश्विक तापमान में वृद्धि और उच्च हिमालयी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं| बता दें की ओम पर्वत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील की व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत 5,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित नाभीढांग से ओम पर्वत के दर्शन होते हैं ये आस्था का केंद्र भी है|

बता दें कि एक दशक पूर्व तक ओम पर्वत और इसके आसपास की पहाड़ियां साल भर बर्फ से ढ़की रहती थीं लेकिन वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण अब उच्च हिमालयी क्षेत्र की बर्फ भी तेजी से पिघलने लगी है| हाल के सालो में शीतकाल में कम हिमपात के कारण तापमान बढ़ते ही ग्लेशियरों की बर्फ पिघलने लगती है| इस वर्ष ओम पर्वत की बर्फ पिघलने से ओम भी गायब हो गया है|

इस घटना को जलवायु के परिवर्तन का असर भी माना जा सकता है, जिसका असर हमारे उच्च हिमालय क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. बढ़ती गर्मी और बदलते मौसम से बर्फबारी में भारी कमी आई है| वाहनों से हजारों लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं| वातावरण के प्रदूषित होने से ब्लैक कार्बन के कारण बर्फ तेजी से पिघल रही है| पहाड़, पर्यावरण, वनस्पति और और ग्लेशियर्स को बचाने के लिए सामूहिक कदम उठाने की जरूरत है| ये घटना अभी से सबक लेने के लिए काफी है, इस विषय पर गहनता से सोचने की जरूरत है|

Om Parvat Without Snow: बढ़ते तापमान से ओम पर्वत से पिघली बर्फ, OM की आकृति गायब... - Om parvat without snow shape of om is missing due to rising temperature - AajTak

स्टडी में खुलासा… 3 डिग्री पारा चढ़ा तो सूख जाएगा हिमालय

अगर देश का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया तो 90 फीसदी हिमालय साल भर से ज्यादा समय के सूखे का सामना करेगा| एक नए रिसर्च में यह डराने वाला खुलासा हुआ है| इसके आंकड़े क्लाइमेटिक चेंज जर्नल में प्रकाशित हुए हैं| सबसे बुरा असर भारत के  हिमालयी इलाकों पर पड़ेगा| पीने और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत होगी| 80% भारतीय हीट स्ट्रेस का सामना कर रहे हैं| अगर इसे रोकना है तो पेरिस एग्रीमेंट के तहत तापमान को डेढ़ डिग्री सेल्सियस पर रोकना होगा| अगर यह 3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे| यह स्टडी इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट आंग्लिया (UEA) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में की गई है|


            

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