गुजरात में बाढ़ से स्थिति गंभीर, अमित शाह ने सीएम और गृह मंत्री से की बात, केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन

KNEWS DESK – गुजरात के उत्तरी हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी से बातचीत की है और केंद्रीय सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

बाढ़ की स्थिति और मौसम विभाग की रिपोर्ट

गुजरात में बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ जैसे हालातों ने जनजीवन को प्रभावित किया है। अहमदाबाद, घाटलोडिया और नारायणपुरा इलाके भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जहां सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी जमा हो गया है। कई इलाकों में घरों में भी पानी घुस गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को एक अपडेट जारी करते हुए बताया कि उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश और पूर्वी राजस्थान पर बना दबाव का क्षेत्र अब अधिक दबाव वाले क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में अगले दो-तीन दिनों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।

IMD के अनुसार, 25 अगस्त को रात साढ़े 11 बजे अधिक दबाव का केंद्र राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से 70 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में था। यह दबाव पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ते हुए दक्षिणी राजस्थान और गुजरात को प्रभावित कर सकता है और 29 अगस्त तक सौराष्ट्र, कच्छ तथा पाकिस्तान के कुछ हिस्सों तक पहुंचने की संभावना है।

गुजरात में राहत कार्यों के लिए पूरी तरह से तैयार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संकट की स्थिति को देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी से संपर्क किया है। उन्होंने बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार गुजरात में राहत कार्यों के लिए पूरी तरह से तैयार है और जरूरतमंद सहायता प्रदान की जाएगी।

 बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की शुरुआत

गुजरात सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। राज्य के 206 जलाशयों में से 66 के जलस्तर ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। इसके अलावा, छह राज्य राजमार्ग और 36 पंचायत सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे आवागमन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

स्थानीय अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की शुरुआत कर दी है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के तहत प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता, चिकित्सा सेवाएं और भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

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