झारखंड की सियासत में हलचल तेज, चंपाई सोरेन का दिल्ली दौरा, आज है फैसले की घड़ी!

KNEWS DESK- झारखंड की सियासी हलचल के बीच, पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने सोमवार को दिल्ली का दौरा किया है। सूत्रों के अनुसार, चंपाई सोरेन दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिससे उनकी राजनीतिक भविष्यवाणी पर पर्दा उठ सकता है।

चंपाई सोरेन का दिल्ली दौरा

चंपाई सोरेन ने सोमवार सुबह कोलकाता से इंडिगो की फ्लाइट 6E 6004 से दिल्ली के लिए रवाना हुए और लगभग 10:25 बजे नई दिल्ली पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, उनका यह दौरा बीजेपी में शामिल होने या एक नया संगठन बनाने के उनके बड़े फैसले पर महत्वपूर्ण हो सकता है। चंपाई सोरेन ने दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की योजना बनाई है, जो उनके भविष्य की रणनीति को लेकर संकेत प्रदान कर सकती है।

नई पार्टी या बीजेपी में शामिल होने की संभावना

चंपाई सोरेन ने हाल ही में पत्रकारों के साथ बातचीत में नई पार्टी के गठन की ओर इशारा किया था, हालांकि उन्होंने अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा नहीं दिया है और ना ही पार्टी की सदस्यता छोड़ी है। इसके बावजूद, उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं पर चर्चा की जा रही है।

जेएमएम में नाराजगी और बीजेपी की संभावनाएं

सूत्रों के अनुसार, जेएमएम से नाराज विधायक लोबिन हेंब्रम और चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें अब समाप्त हो सकती हैं। लोबिन हेंब्रम फिलहाल रांची स्थित अपने आवास पर हैं और उन्होंने भी बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं पर सहमति जताई है। चंपाई सोरेन की दिल्ली में मुलाकातें और आगे की रणनीति इस बात को स्पष्ट कर सकती हैं कि वह बीजेपी में शामिल होंगे या अपने नए संगठन की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।

राजनीतिक समीकरणों पर असर

चंपाई सोरेन का यह दौरा झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे सकता है। यदि चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होते हैं, तो इससे झारखंड की राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है। दूसरी ओर, यदि वे एक नया संगठन बनाते हैं, तो इसका असर राज्य की राजनीति और पार्टी की ताकत पर पड़ सकता है।

नतीजे का इंतजार

चंपाई सोरेन के दिल्ली दौरे के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि वह किस दिशा में आगे बढ़ेंगे। उनके फैसले से झारखंड की राजनीतिक पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है, और सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि वह किस रास्ते पर कदम बढ़ाते हैं।

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