उत्तराखंड: जिनसे थी आस, उनसे धामी क्यों निराश !

KNEWS DESK- देवभूमि उत्तराखंड में आफत की बारिश ने चारों और कहर बरपाया है। राजधानी देहरादून के साथ ही प्रदेश के अन्य सभी जनपदों में नुकसान के बादल जमकर बरसे हैं। प्रदेश का हाल ये है कि आए दिन बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। नदी नाले उफान पर हैं। 100 से अधिक सड़कें बंद हैं। जगह- जगह पुल बह गये हैं, कई मकानों को भारी नुकसान है, और कई मकान खतरे की जद में आ गये हैं। लगातार हो रही भारी बारिश ने शासन प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
इस बीच मुख्यमंत्री ने एक बार फिर टिहरी पहुंचकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया है। उन्होंने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं केदारनाथ हाई-वे पर फाटा हेलीपैड के पास मलबे में दबने से चार नेपाली मजदूरों की मौत हो गई, लगातार हो रही बारिश के चलते चारधाम यात्रा मार्ग भी बाधित हैं। भारी बारिश का बुरा असर राज्य की चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। सरकार का कहना है कि वह सभी प्रभावितों तक सरकारी मदद पहुंचा रही है। इसके अलावा सड़क मार्गों को खोलने का प्रयास भी लगातार किया जा रहा है। वहीं आपदा के मुद्दे पर राज्य में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस विधायकों ने सदन में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा काटा। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों को आधे घंटे का समय दिया लेकिन कांग्रेस के धारचूला विधायक हरीश धामी ने अपनी ही पार्टी पर विधानसभा में उन्हें बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया है। नाराज विधायक हरीश धामी ने तुरंत मुख्यमंत्री से मुलाकात की। और अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री को बताई..वहीं हरीश धामी की नाराजगी के बाद राज्य का राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। और कई तरह की कयासबाजी भी शुरू हो गई हैं. सवाल ये है कि क्या आपदा के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरने के चक्कर में कांग्रेस खुद के चक्रव्यूह में तो नहीं फंस गई है

कुल मिलाकर राज्य में एक बार फिर आपदा के मुद्दे पर सड़क से सदन तक सियासत गर्मा गई है. एक और जहां विपक्ष का आरोप है कि सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह से फेल है. तो वहीं दूसरी ओर सत्तापक्ष बेहतर व्यवस्था का दावा कर रहा है. देखना होगा आपदा पर मचा सियासी बवाल कब शांत होगा।

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