KNEWS DESK – कोलकाता के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में हाल ही में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घिनौने अपराध के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन, रैलियां, और डॉक्टर्स की हड़तालें जारी हैं। न केवल जनता बल्कि मेडिकल समुदाय भी इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। पश्चिम बंगाल सरकार और प्रशासन के प्रति लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है, और वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
विवेक अग्निहोत्री ने जाहिर किया गुस्सा
इस मुद्दे पर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने भी अपनी चिंता और गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कहा, “बंगाल में पुलिस और सरकार बुरी तरह फेल हो गई है। अगर हमें वापस पहले जैसा ग्रेट बंगाल चाहिए तो हमें यहां का पूरा पॉलिटिकल सिस्टम बदलना पड़ेगा।” विवेक ने इस बात पर जोर दिया कि इस घटना का राजनीतिकरण किया जा रहा है और पश्चिम बंगाल की सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जैसा कि संदेशखाली की घटना में भी देखने को मिला था।
https://x.com/PTI_News/status/1826165748974100918
पश्चिम बंगाल की हालत पर विवेक अग्निहोत्री की चिंता
विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति पर गहरा चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “लोगों ने इतना बलिदान क्यों किया? असल वजह ये थी कि हमने सोचा था कि आजादी के बाद हमें जिंदगी जीने का हक है, जिंदगी को गरिमा और वैल्यू मिलेगा।” विवेक ने अपने अनुभव और रिसर्च के आधार पर बताया कि राज्य में लोगों के मन में असुरक्षा और हताशा का माहौल है। महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यहां महिलाएं राजनीतिक रणनीतियों के तहत रेप और छेड़छाड़ की शिकार हो रही हैं।
https://x.com/vivekagnihotri/status/1825873176099786986
कश्मीर से की बंगाल की तुलना
विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल की स्थिति की तुलना कश्मीर से की, और कहा कि “दोनों का डीएनए एक ही है।” उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के चलते वे बंगाल और कश्मीर जैसे राज्यों में शूटिंग करने से कतराते हैं। विवेक ने इस घटना को “शर्मनाक” करार दिया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इसे छिपाने की कोई जरूरत नहीं थी।
न्याय की मांग और आगे की राह
देशभर में इस घटना के विरोध में चल रहे आंदोलनों और रैलियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता अब और अन्याय सहन करने को तैयार नहीं है। मेडिकल समुदाय, नागरिक समाज, और विभिन्न संगठनों की ओर से न्याय की मांग की जा रही है। इस घटना ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रशासनिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
विवेक अग्निहोत्री और अन्य समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों की प्रतिक्रियाओं ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। अब यह समय की बात है कि इस मामले में न्याय कब और कैसे मिलता है, और क्या इससे बंगाल की स्थिति में कोई सुधार आता है।