उधार पैसे लेकर खेला टूर्नामेंट, रिंकू सिंह अब बन चुके हैं टीम इंडिया के स्टार, खुद बयां किया दर्द

KNEWS DESK- आईपीएल 2023 ने क्रिकेट प्रेमियों को कई शानदार पलों का आनंद दिया, लेकिन इनमें से एक पल जिसने खास तौर पर ध्यान आकर्षित किया, वह था रिंकू सिंह का प्रदर्शन। रिंकू ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मैच में आखिरी ओवर में लगातार 5 छक्के लगाकर अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई। इस अद्वितीय उपलब्धि के बाद, रिंकू के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के दरवाज़े खुल गए हैं, और वह अब भारत की टी20 टीम के प्रमुख सदस्य बन चुके हैं। हालांकि, इस सफलता तक पहुंचने का सफर उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था।

गरीबी और परिवार का समर्थन

रिंकू सिंह का परिवार आर्थिक रूप से बेहद संघर्षपूर्ण स्थिति में था। उनके पिता, खानचंद्र सिंह, एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी का काम करते थे, और घर की हालत बहुत अच्छी नहीं थी। रिंकू के क्रिकेट खेलने के सपने को उनके पिता ने समर्थन नहीं दिया। रिंकू ने अपनी संघर्ष की कहानी को साझा करते हुए बताया कि कैसे वह अपने पिता से छुपकर क्रिकेट खेला करते थे। उनकी मां ने उन्हें सीमित तरीके से सपोर्ट किया, लेकिन पिता का विरोध लगातार जारी था।

सपनों की ओर पहला कदम

रिंकू ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में बताया कि कैसे उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। उन्होंने कहा, “मैं पहली बार कानपुर गया था हॉस्टल का टूर्नामेंट खेलने। मां ने एक दुकान से उधार पैसे मांगकर मुझे एक हजार रुपये दिए थे। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सहयोग था।”

रिंकू ने आगे कहा, “मेरे पिता क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे और बहुत बार मारते थे। मेरे भाई ने मुझे एक जॉब के लिए भी ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन वह भी पोंछा लगाने की जॉब थी। 2012 में स्कूल का एक टूर्नामेंट हुआ था, जिसमें श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई से टीमें आई थीं। उसमें मैं मैन ऑफ द टूर्नामेंट था और मुझे बाइक मिली थी। यहीं से मेरा क्रिकेट करियर शुरू हुआ।”

आईपीएल में सफलता और परिवार की खुशी

रिंकू के आईपीएल में 80 लाख रुपये में बिकने पर उनके परिवार का रिएक्शन भी विशेष था। रिंकू ने इस पर कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं इतने में बिकूंगा। घर वाले बहुत खुश थे। उसी पैसे से हमने नया घर भी बनवाया। रिंकू सिंह की कहानी न केवल उनकी मेहनत और संघर्ष की गवाही देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सपनों को साकार करने के लिए कितनी अडिग इच्छाशक्ति और संघर्ष की आवश्यकता होती है। उनका सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं।

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