KNEWS DESK – सनातन धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने के सोमवारों का विशेष महत्व है। इस साल सावन का अंतिम और पांचवा सोमवार 19 अगस्त 2024 को आ रहा है, जो ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग के कारण अत्यंत शुभ और फलदायी साबित हो सकता है।
विशेष शुभ योग और संयोग
सावन के महीने का अंतिम और पांचवां सोमवार, 19 अगस्त 2024, एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन ग्रह और नक्षत्रों का एक दुर्लभ और शुभ संयोग बन रहा है, जो इस दिन की पूजा और साधना को विशेष फलदायी बना देता है।
सौभाग्य योग: सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा, जो विशेष रूप से शुभ और लाभकारी माना जाता है।
पूर्णिमा तिथि: इस दिन पूर्णिमा तिथि भी है, जो पूजा और साधना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
श्रवण नक्षत्र: पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। सावन मास की उत्पत्ति भी श्रवण नक्षत्र से हुई है, जिससे इस दिन की पूजा और भी विशेष हो जाती है।
सिद्धि और सौभाग्य योग: सिद्धि और सौभाग्य योग भी इस दिन बन रहे हैं, जो किसी भी कामना को पूरा करने के लिए शुभ माने जाते हैं।
शनि पीड़ा से राहत के उपाय
सावन के अंतिम सोमवार को शनि पीड़ा से राहत पाने के लिए भी एक शुभ योग बन रहा है। इस दिन शनि के राशि में चंद्रमा का भ्रमण होगा, जो शनि की पीड़ा से परेशान लोगों के लिए राहत प्रदान कर सकता है।
काला तिल और चावल अर्पित करें: शिवलिंग पर काला तिल और चावल अर्पित करके भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इससे शनि ग्रह का दोष कम होता है और शनि की पीड़ा से राहत मिलती है।
ध्यान और साधना: विशेष पूजा के दौरान मन को शांत रखें और भगवान शिव की आराधना करें।
रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ समय
सावन के अंतिम सोमवार के दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी है। इस दिन भद्राकाल भी लगेगा, जो दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इसलिए, राखी बांधने के लिए भद्राकाल के समाप्त होने के बाद, यानि 1 बजकर 24 मिनट के बाद का समय शुभ रहेगा|