“बेटा वर्जिन तेल हेल्दी अच्छा होता है मेल नहीं”… स्त्री 2 के वल्गर डायलॉग्स ने थिएटर पर काटा बवाल

KNEWS DESK –  साल 2018 में जब स्त्री ने बड़े पर्दे पर दस्तक दी थी, तो इसने दर्शकों को अपनी अनोखी हॉरर कॉमेडी से चौंका दिया था। छह साल बाद इसका सीक्वल स्त्री 2 रिलीज हो चुका है, और पहले ही दिन इसने सिनेमाघरों में धमाल मचा दिया है। राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की इस फिल्म ने दर्शकों को न केवल डराया बल्कि हंसाने की भी पूरी गारंटी दी है।

कहानी और डायलॉग्स की ताकत

स्त्री 2 की कहानी उतनी ही अनोखी और मजेदार है, जितनी पहली फिल्म की थी। लेकिन इस बार जो चीज इसे और खास बनाती है, वह हैं फिल्म के संवाद। डायलॉग्स को इस तरह से लिखा गया है कि वे दर्शकों को हंसाने पर मजबूर कर देते हैं, भले ही उनमें वल्गरिटी का हल्का सा तड़का हो। इस बार कहानी और डायलॉग्स को लेखक नीरेन भट्ट ने लिखा है, जिन्होंने स्त्री के सीक्वल को और भी अधिक मजेदार बना दिया है।

फिल्म के टॉप डायलॉग्स

फिल्म में रुद्र भइया (पंकज त्रिपाठी) का डायलॉग, जब वह विक्की (राजकुमार राव) को चंदेरी में सरकटे राक्षस के बारे में बताने जाते हैं

ऐसे सपने न देखा करो वरना स्वप्नदोष भी नहीं होगा…

विक्की के डैडी का डायलॉग, जब वह उसे शादी के लिए फोर्स करते हैं

“बेटा वर्जिन तेल हेल्दी अच्छा होता है मेल नहीं…”

रुद्र भइया का डायलॉग, जब चंदेरी में स्त्री को दोबारा बुलाने की परियोजना बनाई जाती है

“वो स्त्री है, परकटी होने के बावजूद कुछ भी कर सकती है…”

विक्की (राजकुमार राव) का डायलॉग, जब श्रद्धा कपूर की चंदेरी में वापसी होती है

“हमने कितना याद किया आपको दिल से हाथ से…”

अक्षय कुमार का डायलॉग, जब विक्की, रुद्र और जना उनसे मिलने जाते हैं

“संगेमरर का शौचालय कैसा लगेगा, लोग हमारी मोहब्बत पर पेशाब कर के चले जाएंगे…”

तमन्ना भाटिया का डायलॉग, जब वह रुद्र भइया से कहती हैं

“आज तक शमा पर परवाना मरता था, आज परवाने पर शमा मरने के लिए तैयार है…”

डायलॉग्स के पीछे की क्रिएटिविटी

नीरेन भट्ट ने इस बार भी अपनी लेखनी से फिल्म को खास बना दिया है। उनकी लिखी हुई लाइनों ने कहानी में जान डाल दी है और दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया है। स्त्री 2 के डायलॉग्स में वह ह्यूमर और हंसी का तड़का है, जो इसे अन्य हॉरर कॉमेडी फिल्मों से अलग करता है।

About Post Author