कोलकाता में डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म मामले को लेकर अस्पतालों में बंद की मांग, जानें लेटेस्ट अपडेट्स

KNEWS DESK- कोलकाता के श्यामाबाजार स्थित सरकारी आर.जी. कार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक चौंकाने वाली और घिनौनी घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की हत्या के बाद उसके साथ बलात्कार किया गया। इस घटना ने न केवल चिकित्सा समुदाय को हिला दिया है, बल्कि पूरे बंगाल और भारत में आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।

कोलकाता पुलिस ने इस घटना के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान एक वॉलंटियर के रूप में हुई है, जो अस्पताल में काम करता था। सियालदाह कोर्ट ने आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने रविवार शाम को अस्पताल में जाकर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और घटना की जांच में पारदर्शिता का आश्वासन दिया।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी ने अपने घर लौटकर सबूत नष्ट करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसके घर से खून के धब्बों वाले जूते बरामद किए। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के शरीर पर चोटों के अलावा यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है।

प्रदर्शन और प्रतिक्रियाएँ

पीड़िता के समर्थन में दिल्ली के एम्स अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने रविवार को कैंडल मार्च निकाला। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी इस जघन्य अपराध की निंदा की और कहा कि एक घटना के आधार पर पूरे बंगाल और भारत को गलत तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए।

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने पूरे देश में विरोध जताते हुए 12 अगस्त को अस्पतालों में वैकल्पिक सेवाओं को बंद करने का ऐलान किया है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी की मांग की है, जो 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपे।

सरकारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

राज्य सरकार ने आरजी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट संजय वशिष्ठ को हटा दिया है और छात्र मामलों के डीन बुलबुल मुखोपाध्याय को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से पत्र लिखकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से इस मामले की जांच की मांग की है।

इस मामले ने पूरे देश में सुरक्षा और न्याय के मुद्दों पर एक गंभीर बहस छेड़ दी है, और लोग चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले और इस तरह के अपराधों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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