रिपोर्ट – राहुल शर्मा
उत्तर प्रदेश – पीलीभीत में सीएमओ के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर दो झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों को सील किया है। छापामार कार्रवाई की भनक लगते ही एक झोलाछाप मौका पाकर फरार हो गया है। विभाग फरार होने वाले झोलाछाप का नाम पता तलाश करने में जुटा है और कार्रवाई करने ले बात कह रहा है। वहीं सीएचसी अधीक्षक का कहना है अगर क्षेत्र में कोई अवैध रूप से प्रैक्टिस करते पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि पीलीभीत में भले ही बाढ़ खत्म हो गई हो मगर यहां तो मानो झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई हो और बगैर डिग्री के इलाज करने वालों का मकड़ जाल फैला हुआ है। यहां कुछ लोग प्रमाण पत्र को डिग्री बताकर लोगों का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं सूत्रों एक माने तो पीलीभीत के सीएमओ आलोक कुमार को मामले में लगातार शिकायतें मिल रही थी। सीएमओ के आदेश पर बिलसंडा सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर मनीष राज शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ थाना बिलसंडा क्षेत्र के सिसैया साहेब गांव में छापा मारा जिसमें शेर सिंह अवैध रूप से प्रैक्टिस करते पाया गया टीम ने जिसकी दुकान को सील कर दिया है। वहीं दूसरा क्लीनिक चला रहा संतराम मामले की भनक लगते ही दुकान बंद करके फरार हो गया। वहीं टीम ने मैनी गांव के बीरेंद्र कुमार की दुकान पर छापा मारकर बगैर डिग्री के संचालित की जा रही दुकान को सील कर दिया।
गौरतलब है मई के महीने में नायब तहसीलदार अवधेश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम मैनी गांव में छापा मारकर पुलिस की मौजूदगी में वीरेंद्र कुमार की दुकान को सील कर दिया था। आखिर सवाल उठता है कि तीन महीने के अंदर तालों पर लगाई गई सील किसके आदेश पर तोड़कर दुकान खोल दी गई। वहीं अब दोबारा से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दुकान को सील कर दिया है। वहीं मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट डॉ. मनीष शर्मा ने सीएमओ को भेजी है।