उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव 2024 में बडे स्तर पर विसंगतियों का मामला सामने आया है.एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स यानि की (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है…एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स के संस्थापक प्रो. जगदीप छोकर ने रिपोर्ट जारी करते हुए ये दावा किया…एडीआर ने दावा किया है की लोकसभा चुनाव में 538 सीटों पर डाले गए वोटों और गिने गए वोटों की संख्या में विसंगतियां पाई गईं। दावे के अनुसार, 362 लोकसभा सीटों पर डाले गए मतों से 5 लाख 54 हजार 598 वोट कम गिने गए हैं, जबकि 176 सीटों पर डाले गए वोटों से 35 हजार 93 वोट अधिक गिने गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड की सभी पाचों लोकसभा सीटों में विसंगतियां मिली है। राज्य में कुल मतों से 6315 कम मतों की गिनती हुई है। वहीं एडीआर की रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने एडीआर की रिपोर्ट को सही बताते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। वहीं भाजपा ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
देश में हुए लोकसभा चुनाव-2024 में एडीआर ने बड़ी विसंगतियों का दावा किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स यानि की (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है…एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव में 538 सीटों पर डाले गए वोटों और गिने गए वोटों की संख्या में विसंगतियां पाई गईं। दावे के अनुसार, 362 लोकसभा सीटों पर डाले गए मतों से 5 लाख 54 हजार 598 वोट कम गिने गए हैं, जबकि 176 सीटों पर डाले गए वोटों से 35 हजार 93 वोट अधिक गिने गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड की सभी पाचों लोकसभा सीटों में विसंगतियां मिली है। राज्य में कुल मतों से 6315 कम मतों की गिनती हुई है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में संपन्न हुआ था। उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। जबकि 4 जून को मतगणना हुई थी। इस दौरान कांग्रेस ने 40 दिनों से अधिक के लंबे इंतजार के दौरान सवाल उठाए थे। वहीं चुनाव आयोग ने 7 जून को लोकसभा चुनाव 2024 में कुल वोटिंग का आंकड़ा जारी किया था। जिसके तहत इस बार कुल मिलाकर 65.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। वहीं एडीआर की रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है।
कुल मिलाकर एडीआर की रिपोर्ट में कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। हांलाकि सत्तापक्ष एडीआर की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर रहा है लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा पर हमलावर हो गई है। सवाल ये है कि सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आखिर ऐसी विसंगतियां क्यों बार बार सामने आ रही है। आखिर क्यों चुनाव आयोग ने इस रिपोर्ट अबतक कोई जवाब नहीं दिया है