KNEWS DESK- पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक के पहले सत्र के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकलने का फैसला किया|
पहले सत्र के समाप्त होने के बाद बैठक से बाहर आने पर पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं| जबकि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लंबे समय तक बोलने की अनुमति दी गई थी, मुझे 5 मिनट बोलने के बाद ही रोक दिया गया| मैं इस बैठक में शामिल होने वाली एकमात्र विपक्षी नेता हूं| मैंने सहकारी संघवाद को मजबूत बनाने के लिए अधिक से अधिक हित के बारे में सोचते हुए बैठक में भाग लिया|
ममता बनर्जी ने कहा- वे राजनीतिक रूप से पक्षपाती हैं और विभिन्न राज्यों पर उचित ध्यान नहीं दे रहे हैं| यहां तक कि बजट भी राजनीतिक रूप से पक्षपाती था| अगर कुछ राज्यों को विशेष ध्यान दिया जाता है तो मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन राजनीतिक दलों और राज्यों के बीच भेदभाव सही नहीं है| इसकी समीक्षा की जानी चाहिए| इसलिए मैं बैठक से बाहर जा रही हूं| यह अनुचित और भेदभावपूर्ण है| यह अपमानजनक है| उन्होंने कहा, मैंने भविष्य में उनकी बैठकों में शामिल न होने का फैसला किया है|
बता दें कि बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है| इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और सहयोग को बढ़ावा देना है, सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है| नीति आयोग की सर्वोच्च संस्था परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं|