कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 शहीदों का बलिदान कभी नहीं भुलाया जा सकेगा- सीएम धामी

KNEWS DESK – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून में 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश के सशस्त्र बलों के साहस और वीरता को श्रद्धांजलि दी।

पुष्‍पचक्र अर्पित कर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

बता दें कि उत्तराखंड में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के इस खास मौके पर मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजधानी में रिमझिम फुहारों के बीच गांधी पार्क स्‍थित शौर्य स्‍मारक पहुंचे और पुष्‍पचक्र अर्पित कर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी एवं उनके पराक्रम को याद किया| देश में आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है| यह विशेष दिवस भारतीय सेना के उन जांबाजों को समर्पित है, जिन्‍होंने बेहद विषम परिस्थितियों में तमाम चुनौतियों को पार करते हुए 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल से खदेड़कर दुर्गम चोटियों पर पुन: भारत का तिरंगा फहराया था|

भारत के सभी वीर जवानों को अपनी श्रद्धांजलि

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं भारत के उन सभी वीर जवानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। देश उन्हें हमेशा याद रखेगा। युद्ध में उत्तराखंड के जवानों द्वारा दिए गए बलिदान को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, जब भी हम कारगिल युद्ध की बात करते हैं, तो उत्तराखंड के जवानों की चर्चा के बिना कहानी पूरी नहीं हो सकती। इस युद्ध में दुश्मन की तरफ से लोहा लेने वाले उत्तराखंड के 75 शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को 1999 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भारतीय सेना ने लद्दाख में महत्वपूर्ण चोटियों पर चुपके से कब्जा कर चुके पाकिस्तानी बलों को पीछे धकेलने के लिए भीषण जवाबी हमला किया था।

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