उत्तराखंड- उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव और उपचुनाव के बाद तमाम पार्टियों ने जीत और हार पर मंथन शुरू कर दिया है। इसी के तहत लोकसभा चुनाव के लगभग तीन माह के बाद भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बड़ी बैठक देहरादून में आयोजित की गई। बैठक में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के साथ ही हाल ही में हुए विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव और केदारनाथ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव पर चर्चा की। इसके अलावा नगर निकाय और पंचायत चुनाव को जीतने की रणनीति पर भी भाजपा ने मंथन किया है।
भाजपा का दावा है कि आगामी चुनावों में भाजपा भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज करेगी। वही एक ओर जहाँ भाजपा उपचुनाव में मिली हार पर मंथन कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस तीसरी बार भी पांचों सीटों पर खाता नहीं खोल पाई थी। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस मंथन कर रही है। लोकसभा में कांग्रेस को मिली हार के कारणों की समीक्षा भी की जा रही है। इसके लिए कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य पीएल पुनिया और सांसद रजनी पटेल 18 जुलाई को देहरादून पहुचेंगे। ये सदस्य कांग्रेस पदाधिकारियों से बैठक कर उनका फीडबैक लेंगे।
उत्तराखंड बीजेपी की सोमवार को प्रदेश कार्य समिति की बड़ी बैठक देहरादून में हुई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। आपको बता दें कि बैठक में उपचुनाव में मिली हार, आगामी निकाय और पंचायत चुनाव की रणनीति पर मंथन किया गया। साथ ही लोकसभा चुनाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बूथों के कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया गया।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली हार ने पार्टी की चिंता को बढ़ा दिया है। यही वजह है कि भाजपा को समीक्षा करनी पड़ रही है। वहीं अयोध्या के बाद बद्रीनाथ में भाजपा कि हार ने भाजपा कि चिंता को और अधिक बढ़ा दिया है देखना होगा भाजपा और कांग्रेस को इस मंथन से चुनाव में कितना लाभ मिलता है।
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