KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट ने जेडीएस के पूर्व सांसद और दुष्कर्म के आरोपित प्रज्ज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अपहरण के एक मामले में दी अग्रिम जमानत रद्द करने से बुधवार यानी आज इनकार कर दिया। ये उनके बेटे के कथित यौन शोषण की पीड़िताओं में से एक के अपहरण का मामला है।
जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कर्नाटक सरकार की अपील पर भवानी रेवन्ना को नोटिस जारी किया। बेंच ने कर्नाटक सरकार के बनाए विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि आरोपित महिला है जिसकी उम्र 55 साल है। उनके बेटे पर घिनौने कामों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। वो भाग गया था और आखिरकार उसे पकड़ लिया गया।
उसने कहा कि इस तरह के आरोपों के मामले में अपने बेटे के किए अपराधों को बढ़ावा देने में मां की क्या भूमिका होगी? कपिल सिब्बल ने कहा कि भवानी रेवन्ना को दी गई राहत ‘‘बेहद दुखद’’ है और परिवार के इशारे पर ही पीड़िता को बंधक बनाकर रखा गया था। इस पर बेंच ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है…इस मामले का राजनैतिकरण न करें। हाईकोर्ट ने 18 जून को भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत देते हुए कहा था कि उन्होंने पूछताछ के दौरान 85 सवालों के जवाब दिए हैं जिससे ये दावा करना उचित नहीं है कि वो एसआईटी के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं। एसआईटी उनके बेटे के खिलाफ यौन शोषण के मामलों की जांच कर रही है।
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