उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में हुए लोकसभा चुनाव के बाद सभी राजनीतिक दलों ने हार-जीत की समीक्षा शुरू कर दी है। उत्तराखंड भाजपा राज्य की पांचों लोकसभा सीट में मिली जीत के बावजूद चुनाव की समीक्षा अन्य दलों से पहले कर चुकी है। भाजपा ने प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद अब विधानसभा और जिला स्तर पर बैठक की भी तैयारी शुरू कर दी है। बैठक में चुनाव प्रबंधन समेत अन्य कमियों पर चर्चा की जाएगी। वहीं मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन की जांच कराने का फैसला लिया है। कांग्रेस हाईकमान उत्तराखंड में हुए लगातार तीन बार के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट ना जीते जाने से बेहद नाराज है। इसको देखते हुए हाईकमान अब खराब प्रदर्शन की जांच कराने जा रहा है। पार्टी ने इसके लिए वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया और रजनी पाटिल को जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गये आदेश के तहत पीएल पूनिया और रजनी पाटिल उत्तराखंड आकर हार की समीक्षा करेंगे….इसके बाद खराब प्रदर्शन की एक रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वहीं लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि बड़े नेताओं की ओर से चुनाव लड़ने से इंकार करने की वजह से पार्टी को पांचों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा उन्होने बताया कि वह बैठक में भी इस मुद्दे को उठाएंगे…इसके अलावा भी अन्य कमियों को बैठक में उजागर किया जाएगा। बता दें कि प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, हरीश रावत समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव लड़ने से इंकार किया था। सवाल ये है कि आखिर क्यों देशभर में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उत्तराखंड की पांचो सीटों पर कांग्रेस का खाता नहीं खुला
उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीटों में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने हार की जांच कराने का फैसला लिया है। पार्टी ने इसके लिए वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया और रजनी पाटिल को जिम्मेदारी सौंपी है। लोकसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस लगातार तीसरी बार सभी पांच सीटें हार गई। हालांकि पार्टी पिछली बार के मुकाबले ज्यादातर सीटों पर हार का अंतर कम करने में कामयाब रही है। लेकिन अन्य राज्यों में पार्टी को मिली चुनावी सफलता के मुकाबले उत्तराखंड कांग्रेस का प्रदर्शन फीका ही आंका गया। इसलिए पार्टी ने उत्तराखंड में चुनावी प्रदर्शन की जांच करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार पीएल पूनिया और रजनी पाटिल उत्तराखंड आकर समीक्षा करेंगे।
आपको बता दें कि कांग्रेस हाईकमान उत्तराखंड की तरह की समीक्षा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे खराब प्रदर्शन वाले राज्यों की भी करवा रही है। माना जा रहा है कि जांच के आधार पर पार्टी उत्तराखंड समेत इन राज्यों में संगठन का पुनर्गठन कर सकती है। प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकते हैं। हांलाकि करन माहरा ने हार के पीछे की कई वजह बताई है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस हाईकमान उत्तराखंड में भी बड़ा बदलाव कर सकता है। वहीं उत्तराखंड भाजपा जीत के बावजूद प्रदेश स्तरीय समीक्षा कर चुकी है और अब जल्द ही भाजपा विधानसभा और जिला स्तर पर बैठक की तैयारी कर रही है। बैठक में चुनाव प्रबंधन समेत अन्य कमियों पर चर्चा की जाएगी।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में हुए लोकसभा चुनाव के बाद अब जीत हार की समीक्षा शुरू हो गई है। वहीं प्रदेश में लगातार जहां भाजपा जीत की हैट्रिक से खुशी मना रही है तो वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस लगातार तीसरी बार अपना खाता प्रदेश में नहीं खोल पाने से मायूस है। सवाल ये है कि क्या कांग्रेस ऐसे स्थिति में आगामी निकाय और उपचुनाव जीत पाएगी। क्या उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को हार की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए. देखना होगा कि इस हार की समीक्षा के बाद कांग्रेस हाईकमान क्या कुछ बदलाव करता है