KNEWS DESK- 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पंजाब के गोल्डन टेंपल में योग करने को लेकर विवाद हो गया था| एसजीपीसी का कहना है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना स्वर्ण मंदिर में करीब एक घंटे तक रहीं| इस दौरान उन्होंने योग किया और उसका वीडियो बनाया| इस हरकत से सिखों की भावनाओं को ठेस पंहुचा|
इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना के लिए श्री दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर) में योग करना मुश्किलें लेकर आया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने 22 जून 2024 को उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
साथ ही, एसजीपीसी ने 21 जून की सुबह दरबार साहिब की परिक्रमा में महिला को योगाभ्यास करने की अनुमति देने वाले तीन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की है। इस घटना से सिख समुदाय के कुछ लोगों में नाराजगी पैदा हो गई है।
स्वर्ण मंदिर के संगमरमर वाले रास्ते, जिसे ‘परिक्रमा’ कहा जाता है, पर अर्चना मकवाना ने योग किया। इस रास्ते पर तीर्थयात्री परिक्रमा कर प्रार्थना करते हैं। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस पवित्र स्थान की गरिमा को नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिला के इस कार्य से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
भगवंत सिंह धंगेरा, स्वर्ण मंदिर के महाप्रबंधक, का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों की समीक्षा से यह स्पष्ट हुआ कि अर्चना मकवाना ने सुबह 6:57 बजे मंदिर परिसर में प्रवेश किया। इसके बाद सुबह 7:04 बजे उन्होंने योगाभ्यास किया। परिक्रमा में उन्होंने लगभग एक घंटा बिताया, लेकिन इस दौरान कोई श्रद्धा व्यक्त नहीं की।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अर्चना मकवाना की योग करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। इन तस्वीरों के वायरल होते ही सिख संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विवाद बढ़ता देख अर्चना मकवाना ने खेद व्यक्त करते हुए सार्वजनिक रूप से सिख संगठनों से माफी मांगी।
सोशल मीडिया पर मांगी माफी
एसजीपीसी की कार्रवाई के बाद अर्चना ने अपने सोशल मीडिया पर स्टोरी पोस्ट कर माफी मांगी है| अर्चना ने कहा कि उन्होंने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया| उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर योग करना गलत है| वह सिर्फ सम्मान कर रही थीं और किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थीं|