बागपत में जीव दया संस्थान की अनोखी पहल, कुर्बानी की भेंट चढ़ने वाले 650 बकरों को कराया मुक्त

रिपोर्ट  – कुलदीप पंडित

बागपत – आज के समय में जहां खून के रिश्ते ही जान के दुश्मन बन रहे और अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए एक दूसरे की हत्या तक कर देते हैं, वही जीव दया संस्थान की एक अनोखी पहल देखने को मिली है। संस्थान के कार्यकर्ताओं द्वारा कुर्बानी की भेंट चढ़ने वाले 650 बकरों को उन्हें नया जीवन दिया है, इतना ही नहीं संस्थान के कार्यकर्ता जहां बकरों को एक हॉल में रखकर उनकी सेवा कर रहे हैं। वहां संस्थान द्वारा जीवों के उपचार के लिए एक अस्पताल का भी शुभारंभ किया है और अस्पताल द्वारा आसपास के पशुओं का नि:शुल्क इलाज करने के लिए बाइक एंबुलेंस का उद्घाटन किया है। जो विभिन्न स्थानों पर जाकर बीमारी से ग्रस्त जीवों का उपचार करेगी।

संस्था ने अपना प्रथम स्थापना दिवस बनाया

दरअसल आपको बता दें कि जीव दया संस्थान द्वारा जियो और जीने दो तथा जीवों पर दया करो के सिद्धांत को सार्थक करने का संकल्प लिया और बकरीद पर कुर्बानी की भेट चढ़ने वाले 650 बकरों को मुक्त कराकर उन्हें नया जीवनदान दिया है। हालांकि यह संस्था पिछले 8 वर्षों से सामाजिक काम कर रही है और अब इस संस्था ने अपना प्रथम स्थापना दिवस बनाया। इस अवसर पर एक अस्पताल भी शुरू किया है। इस अस्पताल में बाइक एंबुलेंस भी रखी गई है, जो आसपास के पशुओं का उपचार करने के लिए नि:शुल्क भेजी जाएगी।

आज देश-विदेश में संस्था ने अपनी एक अच्छी पकड़ बनाई

इस संस्था से देश-विदेश तक के लोग जुड़े हैं, जो बली की भेट चढ़ने जा रहे बकरों की जान बचाकर यहां पर उन्हें संरक्षित करते हैं। जीव दया समूह के संस्थापक मनोज कुमार ने बताया कि 8 वर्ष पहले संस्था को शुरू किया गया था और धीरे-धीरे इसमें लोग जुड़ना शुरू हुए और इस संस्था ने आज देश-विदेश में अपनी एक अच्छी पकड़ बनाई है। लोग इस संस्था के साथ जुड़कर जीव जंतुओं को संरक्षित करने का काम करते हैं, और निरंतर इस संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

 

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