KNEWS DESK- मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने तुरा के गांवों का दौरा किया। उन्होंने लोगों से वन इलाके को बचाने से जुड़े कई कार्यक्रमों को लेकर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने पश्चिम गारो हिल्स में नोकरेक बायोस्फीयर रिजर्व के करीबी गांवों का दौरा किया।उनके साथ वन और पर्यावरण विभाग, मेघालय बेसिन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमबीडीए) और काउंसिल ऑफ नोकमा की टीम के साथ- साथ प्रधान सचिव संपत कुमार और कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने सकलग्रे, बालाडिंगरे और सकल अदुमा समेत कई गांव में करीब छह घंटे गुजारे। मुख्यमंत्री के मुताबिक, स्टेकहोल्डरों की बैठक में सरकारी विभागों के अलावा गांव के लोग और नोकमा यानी गांव के मुखिया मौजूद थे।
सीएम संगमा ने बताया कि बैठक में पीईएस यानी पेमेंट फॉर इकोसिस्टम सर्विसेज जैसे कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। उनके मुताबिक बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जंगल पर निर्भरता कैसे कम हो और जंगल और उसके आस- पास के इलाके को कैसे बचाया जाए। अपने दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने नोकमा (ग्राम प्रधानों) को सरकार की पहल की जानकारी दी।
सीएम संगमा ने बताया कि उनकी सरकार ग्रीन मेघालय और पीईएस प्रोग्राम जैसी पहल को लागू कर रही है जो कम्युनिटी को कंजर्वेशन की कोशिशों के लिए इनाम देती
हैं। उनके मुताबिक पीईएस के तहत बचाई गई हर हेक्टेयर जमीन पर सरकार 15,000 रुपये देती है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि आइडिया बहुत सीधा है। हमने स्टेकहोल्डर बेस्ड बैठक की, जहां सरकारी विभागों के अलावा, गांव वालों के साथ-साथ नोकमा (ग्राम प्रमुख) और पारंपरिक प्रमुख थे। उनकी मौजूदगी में इकोसिस्टम सर्विसेज (पीईएस) के लिए पेमेंच जैसे अहम कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की है। साथ ही ये बातचीत हुई है कि हम समुदाय के साथ काम करने की इस पूरी प्रक्रिया को कैसे आगे ले जा सकते हैं, अपने लोगों को रोजी-रोटी कैसे दे सकते हैं ताकि जंगल पर निर्भरता कम हो और हम अपने वन और कैचमेंट एरिया को बचा सकें। बैठक काफी बेहतर रही।
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