उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट – चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं| यात्रा में भारी भीड़ के चलते सरकार ने 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है…सरकार का ये फैसला चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सरकार के फैसले से नाराज कई लोगों ने हरिद्वार में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में डेरा डाल दिया है। यात्रा पंजीकरण रद्द होने से आक्रोशित यात्री बिना यात्रा पूरी किए जाने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि 300 से ज्यादा यात्री यहां फंसे हैं। बता दें कि धामी सरकार ने पहले 15 मई से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद किए, फिर 19 मई तक इस रोक को बढ़ाया और अब सीधा 31 मई तक इस रोक को सरकार ने आगे बढ़ा दिया है। इसकी वजह से हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन खुलने का इंतजार कर रहे लोगों का इंतजार एक बार फिर बढ़ गया है। वहीं उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने एसओपी जारी की है। इसके तहत अब रात आठ बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, शाम पांच बजे के बाद कोई भी यात्री जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा। वहीं चारधाम यात्रा को लेकर सामने आ रही अव्यवस्थाओं पर राज्य में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार का ध्यान सिर्फ बयानबाजी में है, आधी अधूरी तैयारी के साथ सरकार ने चारधाम यात्रा की शुरूआत की है जिससे देश विदेश में उत्तराखंड की गलत छवि जा रही है। सवाल ये है कि क्या धामी सरकार अधूरी तैयारियों के साथ चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है…आखिर क्यों सरकार ने समय रहते पूरी तैयारी नहीं की।
विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी तादाद तीर्थस्थलों पर उमड़ रही है। भारी भीड़ के कारण तीर्थस्थलों पर लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है। वहीं शासन प्रशासन के लिए भी सभी श्रद्धालुओं को दर्शन कराना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार शासन के उच्च अधिकारियों के साथ यात्रा की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही चारोंधामों में श्रद्धालुओं को निर्धारित संख्या के अनुसार ही भेजे जाने, चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं और प्रबंधन का विश्लेषण करने, यात्रा की रोजाना समीक्षा करने के साथ ही उच्च अधिकारियों को फिल्ड में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन के तमाम वरिष्ठ अधिकारी चारधाम यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं।
आपको बता दें कि करीब 30 लाख से ज्यादा लोगों ने अबतक चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारोधामों के दर्शन किए हैँ। वहीं श्रद्धालुओँ का आंकड़ा लगातार बढ़ने से सरकार की चिंता भी बढ़ गई है। वहीं यात्रा पंजीकरण रद्द होने से आक्रोशित यात्री बिना यात्रा पूरी किए जाने को तैयार नहीं है। नाराज यात्रियों ने हरिद्वार में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में डेरा डाल दिया है। वहीं चारधाम यात्रा को लेकर सामने आ रही अव्यवस्थाओं पर राज्य में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार का ध्यान सिर्फ बयानबाजी में है, आधी अधूरी तैयारी के साथ सरकार ने चारधाम यात्रा की शुरूआत की है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
कुल मिलाकर चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में तो काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। लेकिन बढ़ती भीड़ को नियंत्रित कर पाना सरकार के लिए चुनौतिपूर्ण हो गया है। वहीं श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि जगह जगह यात्रियों को रोके जाने के साथ ही रजिस्ट्रेशन बंद करने, वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है। सवाल ये है कि आखिर सरकार ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के हिसाब से उचित इंतजाम पहले क्यों नहीं किए, सवाल ये भी है कि यात्रा के कुछ ही दिनों में ये हाल है तो आगे कैसे व्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार चला पाएगी ये बड़ा सवाल है
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