उत्तर प्रदेश: आयुष्मान कार्ड के नाम पर बड़े अस्पतालों मे भारी घोटाला, मरीज के तीमारदारों से वसूली जा रही मोटी रकम

रिपोर्ट – कुलदीप पंडित

उत्तर प्रदेश – बागपत में अस्पतालों के संचालकों की तानाशाही का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी अस्पताल के संचालक ने एक मरीज के तिमारदार से मोटी रकम वसूल कर ली और उसे आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं दिया गया।

पैसे रिफंड करने की बात कह कर शुरू किया युवती का इलाज 

दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला बड़ौत शहर के आस्था हॉस्पिटल का है, जहां सरूरपुर गांव के रहने वाले विपिन कुमार की पुत्री को सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जिस कारण उसे आस्था हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के संचालक ने भर्ती होते ही मरीज के तीमारदारों से कहा कि वह चार हजार रुपए जमा करा दें। मरीज के दिमारदारों ने आयुष्मान कार्ड होने की बात भी कहीं, जिस पर अस्पताल के संचालकों ने पैसे रिफंड करने की बात कह कर युवती का इलाज शुरू कर दिया।

अस्पताल में कम से कम 5 दिन होना पड़ता है भर्ती

दो दिन बाद ही युवती स्वस्थ हो गई और छुट्टी लेने की बात कही, जिस पर अस्पताल के संचालकों ने मरीज के तीमारदारों से कहा कि आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने के लिए मरीज को अस्पताल में कम से कम 5 दिन भर्ती होना होता है। जबकि मरीज केवल 2 दिन भर्ती रहा है, इसलिए मरीज को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा और यह कहकर 18 हजार रुपए जमा कर लिए।

अस्पतालों में चल रहा खेल बना चर्चा का विषय 

हालांकि पूरे मामले पर अनिल कुमार का कहना है कि, मरीज के तीमारदारों पर आयुष्मान कार्ड नहीं था और उन्होंने आयुष्मान कार्ड न होने वाले फार्म पर भी हस्ताक्षर किए थे, वहीं दूसरी ओर नोडल अधिकारी दो यशवीर सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और जांच के बाद ही कार्रवाई की बात कह रहे हैं। कुल मिलाकर अस्पतालों में चल रहा खेल चर्चा का विषय बना हुआ है।

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