नई दिल्ली: आज संसद में बजट 2022-23 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वाभलम्बी बनने को कहा। अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर भारत के तहत गतिशक्ति योजना की जहां लंबी लकीर खींचने की कोशिश की है। उन्होंने राजधर्म के अनुसार सामाजिक दायित्वों के निर्वहन का पालन करने को कहा है, उन्होंने अपने डेढ़ घंटे के बजट भाषण के दौरान महाभारत के शांतिपर्व में वर्णित राजधर्म अनुशासन का जिक्र भी किया।
सीतारमण ने कहा कि, केंद्र सरकार का उद्देश्य इस बजट के माध्यम से लोगों का कल्याण करते हुए राजधर्म निभाने का है. उन्होंने महाभारत के शांतिपर्व के 72वें अध्याय के 11वें श्लोक का जिक्र किया जिसमें युधिष्ठिर राजधर्मानुशासन की बात करते हुए जनमानस के कल्याण और योगक्षेम की बात करते हैं .शांतिपर्व में कहा गया है,
दापयित्वा करं धर्म्यं राष्ट्रं नित्यं यथाविधि | अशेषान्कल्पयेद्राजा योगक्षेमानतन्द्रितः ।। अर्थात्, किसी राष्ट्र का राजधर्म किसी भी विधि से जनता का कुशलक्षेम और कल्याण ही है।
बता दें कि शान्ति पर्व महाभारत का 12वां पर्व है. इसमें धर्म, दर्शन, राजानीति और अध्यात्म ज्ञान की विशद व्याख्या की गई है। इस पर्व में महाभारत युद्ध के बाद शोकाकुल लोगों को युधिष्ठिर राजधर्म का अनुशासन पढ़ाते हैं. इसी के तहत वह मोक्ष धर्म का भी उपदेश देते हैं।