नई दिल्ली- राजनीतिक चंदा के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड शेयर वाली बुक की लिस्ट में इलेक्ट्रानिक जगत के कई नामी गिरामी लोग शामिल हैं। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक सबसे बड़े डोनर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल ने एक छोटी सी कंपनी बनाई है जिसके बारे में लोग कम ही जानते हैं। इस लिस्ट में बड़े पैमाने पर स्टील टाइकून लक्ष्मी मिग्ज, सुनील भारती मिस्त्री की भारती एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डीएलएफ, पी रिवायत, बिड़ला, बजाज, जिंदल, स्पाइसजेट, इंडिगो और गोयन शामिल हैं।
चुनावी चंदा पाने वालों में भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस को 1,609.50 करोड़ और तीसरे नंबर कांग्रेस को 1,421.9 करोड़ रुपये मिले।
ईसी की लिस्ट के मुताबिक फ्यूचर गेमिंग एंड होटल ने 1,368 करोड़ रुपये का बॉन्ड शेयर किया है। इसके बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड आर्किटेक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये का बांड शेयर किया। फ्यूचर गेमिंग की जांच मार्च 2022 में पोर्टफोलियो निदेशालय ने की थी। इससे पहले ही पता चल गया था कि दुकानदारों को 6,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का सबसे बड़ा चुनावी बॉन्ड मिला है। दूसरा नंबर पर है. डेटा स्केल ने सिर्फ हर इकाई या व्यक्ति की तरफ से डोनेट की गई नैट का खुलासा किया। इसमें ये नहीं बताया गया कि किस पार्टी को चंदा दिया।
अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये का बॉन्ड बॉन्ड बनाया, जबकि सुनील मशक की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये का बॉन्ड बॉन्ड बनाया। स्टील उद्योग के दिग्गज लक्ष्मी निवास मठाधीशों ने व्यक्तिगत रूप से 35 करोड़ रुपये का बांड दिया। कई बड़े प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट कंपनी के प्रोजेक्ट्स हासिल करने वाली हैदराबाद की मेगा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये का बॉन्ड बाउंड किया।ज्यादातर बॉन्ड राजनीतिक शास्त्र के नाम जारी किए गए हैं, लेकिन चंदा को ‘अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति’ और ‘अध्यक्ष समाजवादी पार्टी’ का नाम दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद विल्कीस बॉन्ड के अथोर विजिलेंस सेलर इंडियन स्टेट बैंक ने 12 मार्च को चुनाव आयोग के साथ डेटा साझा किया था। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर डेटा अपलोड करने के लिए 15 मार्च की शाम पांच बजे तक का समय दिया था। चुनाव आयोग ने कोर्ट की तरफ से तय समय सीमा से एक दिन पहले वेबसाइट पर दो विचारधारा में ‘डिस्क्लोजर ऑफ इलेक्टोरल बॉन्ड सबमिटेड बाय एथिल’ पर विवरण जारी किया। इसमें एक झलकी की सूची है तो दूसरी सूची लाभ प्राप्त करने वाली की है।
कोर्ट सुप्रीम के समसामयिक आधार पर एक हाफनेम में कोलोराडो ने कहा कि एक अप्रैल, 2019 और इस साल 15 फरवरी के बीच डोनरों की तरफ से अलग-अलग मूल्यवर्ग के कुल 22,217 को शामिल किया गया, जिसमें 22,030 को राजनीतिक शेयरधारकों ने भी शामिल किया। चुनाव आयोग की ओर से अपलोड किए गए डेटा के मुताबिक, सिनॉप्सजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल इंटरनैशनलज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ साकीडियन, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पी रिवर, केवेंटर , सुला वाइन, वेलस्पन, सैन मेडिसिन, वर्धमान टेक्स्टाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सैट टायर्स, रेडी डॉज लैबोरेटरीज, आईटीसी, आईटीसी, केपी इंटरनैशनल, सिडला और अल्ट्राटेक कंपनियां शामिल हैं।
एकजुट होने वाले समूहों में भाजपा, कांग्रेस, एआईए मीडियाके, बीआरएस कांग्रेस, बीजेपी, टीआईपी, वाईएसआर कांग्रेस, स्कूलके, जेडीएस, एनसीपी, संस्थागत कांग्रेस, नामांकन, नामांकन, एपी, समाजवादी पार्टी, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोइंग फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी क्रांतिकारी मोर्चा, पार्टीएम, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी शामिल हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय में, पांच-जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार की बांड योजना को रद्द कर दिया था और इसे “असंवैधानिक” कहा था।
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