रिपोर्ट – कान्ता पाल
नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला खनन न्याश की धनराशि को खनन से क्षेत्रों में हुए नुकसान में ना लगाकर अन्य मदो में खर्च करने व विभागों को दिए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से मूल उद्देश्य के खर्च की गई धनराशि की विस्तृत रिपोर्ट 1 अगस्त तक पेश करने के साथ ही कोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश में कार्यरत अन्य मिनरल फाउंडेशन जो बेहतरी के लिए काम कर रहे है ताकि इसका दायर बढ़ाते हुए इसे प्रदेश स्तर पर लागू किया जा सके। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 1 अगस्त की तिथि नियत की है।
आपकों बता दे कि बागेश्वर निवासी गोपाल चंद बनवासी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार जिला खनन न्याश जमा धनराशि में का उपयोग खनन से होने वाले नुकसान और उसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए किया जाता है। जबकि जिला बागेश्वर में इस मद में जमा धनराशि का उपयोग अन्य मदों में करने के साथ ही विभिन्न विभागों को ट्रांसफर की गई।
जिसके चलते जिला बागेश्वर में खनन से होने वाले दुष्प्रभाव और नुकसान से जिले के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जिला खनन न्यास में जमा धनराशि का उपयोग इससे होने वाले दुष्प्रभाव और नुकसान को रोकने के लिए किया जाए।