Knews Desk, लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है। सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को देश में लागू कर दिया है। नागरिकता संशोधन कानून यानि की (CAA) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। हालांकि, ये कानून पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा, जिनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल है। आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी। भारत के पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की ओर से लागू किए गये सीएए को लेकर उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने सरकार की टाईमिंग पर सवाल खड़े किए हैं उनका कहना है कि चुनाव से पहले धार्मिक ध्रुवीकरण के रथ में सवार भाजपा कभी यूसीसी और कभी सीएए का दांव चल रही है लेकिन जनता भाजपा की कार्यप्रणाली को समझ रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता से किए हुए वादे को ही सरकार ने पूरा किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भाजपा ने यूसीसी और सीएए को जन जन तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की है भाजपा का दावा है कि यूसीसी और सीएए से वातावरण भाजपा के पक्ष में हुआ है। सवाल ये है कि क्या यूसीसी और सीएए भाजपा का चुनावी मुद्दा है
लोकसभा चुनाव के लिए समय बेहद कम रह गया है। माना जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर भीतर कभी भी आचार संहिता की घोषणा हो सकती है। लेकिन इससे पहले मोदी सरकार ने अपना बड़ा दांव चला है। सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को देश में लागू कर दिया है। नागरिकता संशोधन कानून यानि की (CAA) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। हालांकि, ये कानून पूर्वोत्तर राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। वहीं मोदी सरकार के इस फैसले के बाद उत्तराखंड में जश्न का माहौल है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में धामी सरकार ने यूसीसी को विधानसभा से पारित कराया है और अब मार्च के महीने में मोदी सरकार ने CAA लागू करने का फैसला लिया है इसको देखते हुए उत्तराखंड में पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है…इसके साथ ही राज्य में सीएए और यूसीसी के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा धार्मिक ध्रुवीकरण के रथ में सवार होकर कभी यूसीसी और कभी सीएए का दांव चल रही है लेकिन जनता भाजपा की कार्यप्रणाली को समझ रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता से किए हुए वादे को ही सरकार ने पूरा किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भाजपा ने यूसीसी और सीएए को जन जन तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की है भाजपा का दावा है कि यूसीसी और सीएए से वातावरण भाजपा के पक्ष में हुआ है।
कुल मिलाकर चुनाव से पहले UCC के बाद CAA के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। एक तरफ जहां भाजपा जनता से किए हुए वादे को ही पूरा करने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सरकार के फैसले की टाईमिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं देखना होगा लोकसभा चुनाव में इसका क्या कुछ असर देखने को मिलता है
उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट